बह गया पैनगंगा नदी पर बनाया पर्यायी पुल

बुलढाना. हाल ही हुई जोरदार बारिश के कारण बुलढाना -अजंता मार्ग पर पैनगंगा नदी पर बनाया गया पर्यायी पुल नदी के पानी के तेज बहाव के कारण बह गया. जिसके चलते मार्ग ठप्प हो गया था. इसकी सुध लेते हुए

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बुलढाना. हाल ही हुई जोरदार बारिश के कारण बुलढाना -अजंता मार्ग पर पैनगंगा नदी पर बनाया गया पर्यायी पुल नदी के पानी के तेज बहाव के कारण बह गया. जिसके चलते मार्ग ठप्प हो गया था. इसकी सुध लेते हुए ठेकेदार ने दोबारा पुल तो बनाया किंतु नदी का पानी बहने के लिए पुल में सही ढंग से पाइप नहीं डाले जाने के कारण इस मार्ग से गुजरने वाले वाहन चालकों की जान को खतरा बना हुआ है. बता दें कि विदर्भ को मराठवाड़ा व खानदेश से जोड़ने वाले बुलढाना -अजंता के इस 50 किलोमीटर के मार्ग का निर्माणकाम राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण के अंतर्गत चल रहा है.

-कछुआ गति से चल रहा काम

काम की गति काफी धीमी है. इस कार्य को शुरू हुए 2 साल हो गए. दत्तपुर से लेकर अजंता तक पूरा मार्ग खुदा हुआ है और बरसात के कारण इस मार्ग से गुजरने वाले वाहन चालकों को बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. बुलढाना से करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम पलखेड़ नागों के पास से पैनगंगा नदी बहती है, इस स्थान पर मौजूद पुराने पुल को तोड़कर ठेकेदार ने उसी के बाजू में पर्यायी पुल बनाया था किंतु पानी के बहाव के लिए पाइप नहीं डाले गए थे, हालांकि पर्यायी पुल सही ढंग से बनाने के निर्देश एनएचए ने ठेकेदार को दिये थे जिसे ठेकेदार ने नजरअंदाज किया. 23-24 जून की मध्यरात्रि को हुई तेज बारिश के कारण पुल पानी के साथ बह कर चला गया. जिससे पूरे 24 घंटे इस मार्ग का ट्रैफिक बंद रहा. हालांकि छोटे वाहन धारक अन्य पयार्यी मार्गों से गुजरे किंतु बस और ट्रक जैसे वाहन इस मार्ग पर नहीं चल पाए. बुधवार को सुबह ठेकेदार ने दोबारा पर्यायी पुल बनाया किंतु इस पुल के निर्माण में केवल दो ही पाइप डाले गए हैं.

वाहनचालकों की जान को खतरा

खास बात तो ये है कि, जिस दिशा से पानी बहकर आता है वहां के पाइप के मुहाने गिट्टी और मुरूम से बंद हो गए तथा डाले गए दोनों पाइप से पानी गुजरना अब संभव नहीं है. फिलहाल तो नदी में यह पुल नहीं बल्कि एक कट्टा बन गया है.भविष्य में अगर फिर से जोरदार बारिश हुई तो यह पुल दोबारा बह सकता है और यदि तेज बहाव के समय इस पर्यायी पुल से कोई वाहन गुजरे तो उन लोगों की जान खतरे हो सकता है. कुल मिलाकर देखा जाए तो ठेकेदार ने केवल नदी में पर्यायी पुल नहीं बल्कि बांध(कट्टा) का निर्माण किया है जो पानी रोकने का ही काम करेगा.

-एनएचए की चुप्पी पर उठ रहे सवाल

पलसखेड़ के पास पैनगंगा नदी पर बनाया गया पयार्यी पुल जनता के लिए कितना सुरक्षित है ये देखना एनएचए विभाग की जिम्मेदारी है किंतु बनाया गया पुल नही बल्कि कट्टा है जो सिर्फ नदी का पानी रोकने का काम करेगा. हालांकि एनएचए विभाग के अभियंता ने बनाए

पयार्यी पुल को किस नजर से देखा. बताना कठिन है. जनता की जान की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एनएचए विभाग ने इस दिशा में ठेकेदार को उचित निर्देश देना जरूरी है.