By नवभारत | Updated Date: Dec 6 2018 1:16PM |
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हमारा भारत देश एक धार्मिक देश है. भारत में कई मंदिर है जो रहस्यों से भरे है. कई मंदिरों की मान्यताएं भी अलग-अलग है. ऐसा एक मंदिर भारत में स्थित है. जिसकी मान्यता भी दूसरे मंदिरों से अलग है. एक ऐसा मंदिर जिसे कोई अपनी आंखों से दर्शन नहीं कर सकता. यहां तक की मंदिर के पुजारी भी पूजा करने से पूर्व अपनी आंखों पर पट्टी बांध लेते हैं.
ये अनोखा मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिले में देवाल नामक ब्लॉक में स्थित है. बताया जाता है की यह मान्यता कई वर्षो से चली आ रही है. इस मंदिर में भक्तों का जाना मना है. यह मंदिर लाटू मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. इस मंदिर में लाटू देवता का पूजन होता है. स्त्री हो या पुरुष सभी का मंदिर में प्रवेश वर्जित है. यहां तक कि मंदिर में सेवा करने वाले पुजारी भी आंख, नाक और मुंह पर पट्टी बांध कर ही पूजा करते हैं. भक्तों को मंदिर से 75 फीट की दूरी से पूजा करनी पड़ती है.
मंदिर के कपाट वर्ष में एक ही दिन खुलते है. वो भी वैशाख मास की पूर्णिमा के दिन इस दिन मंदिर के पुजारी भी अपने आंख, मुंह पर पट्टी बांधकर कपाट खोलते है. भक्तों को देवता के दर्शन करने के लिए 75 फिट दूर खड़ा होना पड़ता है. इस दिन विष्णु सहस्रनाम और भगवती चंडिका पाठ का आयोजन होता है और मेला भी लगता है.
स्थानीय लोगों के अनुसार मंदिर के अंदर नागराज अपनी अद्भुत मणि के साथ विराजमान हैं. जिनके दर्शन आम लोग नहीं कर सकते. पुजारी भी अपनी आंखों पर पट्टी बांध कर जाते हैं. लोग ये भी मानते हैं कि उस मणि का तेज प्रकाश भक्तों को अंधा बना देता है. पुजारी अपने नाक-मुंह में पट्टी इसलिए बांधता है ताकि उसके मुंह की गंध नागदेवता तक और उनकी विषैली गंध पुजारी के नाक तक न पहुंच सके. इसलिए इस मंदिर की पूजा 75 फिट दूर से ही की जाती है.