बुरशीसदृष्य रोगो से सोयाबीन का नुकसान

वाशिम. जिले के किसानों के लिए शीघ्र हाथ में आने वाले सोयाबीन की फसल बुरुशीजन्य रोगों से उध्वस्त होने की कगार पर है. हरे रंग की दिखनेवाली सोयाबीन फसल की अधिकतर फल्लियां काली पड़ कर सूख रही है़ पेड़

Loading

वाशिम. जिले के किसानों के लिए शीघ्र हाथ में आने वाले सोयाबीन की फसल बुरुशीजन्य रोगों से उध्वस्त होने की कगार पर है. हरे रंग की दिखनेवाली सोयाबीन फसल की अधिकतर फल्लियां काली पड़ कर सूख रही है़ पेड़ हरे है लेकिन फल्लियां सूख रही है ऐसी स्थिति जिले में प्रथम ही नजर आ रही है़ जिले के कृषि विभाग के देरी से जागृत होने का आरोप लगाते हुए नुकसानग्रस्त किसानों को दस हजार रुपये की सहायता देने की मांग शिवसंग्राम संगठना की ओर से जिलाधिकारी को एक निवेदन सौंपकर की है.

काली पड़ गई फल्लियां
बुरशीसद़ृष्य रोग से सोयाबीन का पड़े पैमाने में नुकसान हो गया है. अब किसी भी प्रकार की दवाईया छिड़कने से काली पड़ी सूखी फल्लियों का रंग हरा नहीं हो सकेगा़ इसलिए अलग अलग दवाईयो की सिफारिश करने की वजाए कृषि विभाग व राजस्व विभाग ने तत्काल नुकसानग्रस्त भागों का पंचनामा कर शासन को रिपोर्ट प्रस्तुत करना चाहिए. जिले में खरीफ मौसम में नगद फसल के रुप में सोयाबीन फसल ही महत्वपूर्ण है. जिले के किसान इसी फसल पर अधिक निर्भर रहते है. खेती में खड़ी फसल ही जिवित रखना आवश्यक है. सोयाबीन फसल पर अचानक आए रोगों से होने वाले नुकसान के मध्येनजर शासन ने किसानों को प्रतिहेक्टर 10 हजार रुपये सहायता घोषित करना चाहिए. ऐसी मांग शिवसंग्राम संगठना की ओर से निवेदन व्दारा की है़ निवेदन पर स्वप्नील वाघ, देव इंगोले, रामेश्वर अवचार, महादेव उगले, कपिल भालेराव, जगन अवचार आदि के हस्ताक्षर है.