गांधी विचारों की शाश्वतता जरूरी

बुलढाना. आज दुनिया में उपभोक्तावाद की संस्कृति का बोलबाला है. ऐसे में महात्मा गांधी के विचारों की प्रासंगिकता काफी बढ़ गयी है, ऐसा प्रतिपादन सप्तखंजेरीवादक सत्यपाल महाराज ने दिया. बुलढाना तहसील के

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बुलढाना. आज दुनिया में उपभोक्तावाद की संस्कृति का बोलबाला है. ऐसे में महात्मा गांधी के विचारों की प्रासंगिकता काफी बढ़ गयी है, ऐसा प्रतिपादन सप्तखंजेरीवादक सत्यपाल महाराज ने दिया. बुलढाना तहसील के ग्राम पाडली में स्थित गांधी घर में 5 जनवरी को आयोजित प्रबोधनात्मक कार्यक्रम में सत्यपाल महारजा बोल रहे थे.

कार्यक्रम को प्रमुख अतिथि के ग्रामीण पुलिस स्टेशन के थानेदार अमित वानखेडे, गांधीघर के संयोजक प्रा. संतोष आंबेकर उपस्थित थे. कार्यक्रम में सबसे पहले महात्मा गांधी, डा. बाबासाहब आंबेडकर और छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमाओं का पूजन किया गया. पुणे स्थित गांधी स्मारक निधि के माध्यम से पाडली में गांधीघर का उपक्रम चलाया जा रहा है. इसी उपक्रम के तहत पाडली में सार्वजनिक वाचनालय छात्रों के माध्यम से चलाया जा रहा है. सत्यपाल महाराज का कीर्तन सुनने के लिए परिसर के गांवों से हजारों लोग उपस्थित थे.

पारिवारिक कलहों पर दिया प्रबोधन
सत्यपाल महाराज ने अपनी वाणी से समाज में बढ़ता अंधविश्वास, व्यसनाधीनता तथा पारिवारिक कलहों पर प्रबोधन किया. संत गाडगेबाबा और संत तुकडोजी महाराज के प्रवचनों की जानकारी देते हुए उन्होंने मार्गदर्शन किया. प्रा. अनिल रिंढे ने सूत्रसंचालन किया. कार्यक्रम को उपस्थित महात्मा गांधी स्मारक निधी के सदस्य तुषार झरेकर ने स्मारक निधी के कामों की जानकारी दी. कार्यक्रम को पाडली की सरपंच सविता पवार ने सत्यपाल महाराज का सत्कार किया. कार्यक्रम के आयोजन के लिए नरेंद्र लांजेवार, थानेदार अमित वानखेडे, पंजाबराव गायकवाड, प्रा. डा. संतोष आंबेकर, शाहिना पठाण, ना. ह. पठाण, डा. विजया काकडे, जयश्री शेलके, प्रदीप हिवाले, निशांत सुरडकर, अमरचंद कोठारी समेत पाडली के लोगों ने प्रयास किए.