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  • सिंघु बॉर्डर पर पकड़े गए संदिग्ध ने लिया राई SHO का नाम.

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नयी दिल्ली. मोदी सरकार (Narendra Modi) द्वारा लाये गए विवादस्पद कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर बीते  शुक्रवार को जहाँ केंद्र सरकार (Central Goverment) और किसान संगठनों (Farmers Association) के बीच हुई बातचीत फिर  बेनतीजा रही। वहीं एक अन्य खबर के अनुसार अब किसानों ने बाधा डालने की साजिश रचे जाने का आरोप लगाया है और सिंघु बॉर्डर (Sindhu Border) से एक संदिग्ध को पकड़ा भी है।

दरअसल किसानों ने सिंघु बॉर्डर से जिस संदिग्ध को पकड़ा है, उसने अब कथित तौर पर सोनीपत के राई थाने के एक पुलिस अधिकारी का नाम भी लिया है। इस पकडे गए संदिग्ध का कहना है कि इस अधिकारी ने 26 जनवरी को कुछ गलत होने पर, मंच पर बैठने वाले चार किसान नेताओं को गोली मारने की साजिश रची है। अधिकारी ने उन चार नेताओं की तस्वीर भी इस संदिग्ध से साझा कर रखी है। किसानों ने पकड़े गए संदिग्ध को फिर मीडिया के सामने भी पेश किया।

इसके साथ ही इस संदिग्ध ने यह खुलासा किया है कि प्रदर्शनकारी किसान हथियार लेकर जा रहे हैं या नहीं, यह पता लगाने के लिए और भी दो टीमें लगाई गई हैं। वह स्वयं बीते 19 जनवरी से सिंघु बॉर्डर पर है। उसने कहा कि 26 जनवरी के दिन उनकी योजना प्रदर्शनकारी किसानों में ही मिल जाने की थी। अगर प्रदर्शनकारी परेड के साथ निकलते तो हमें उनपर फायर करने के लिए भी कहा गया था।

इधर इस मुद्दे पर दिल्ली पुलिस का कहना है कि इस संबंध में उन्हें  कोई जानकारी नहीं है। पुलिस को ऐसी कोई भी शिकायत अब तक तो नहीं मिली है। वहीं पुलिस ने यह भी कहा कि, “यदि किसानों ने किसी संदिग्ध को पकड़ा तो उसे हमें सौंपें। हम पूछताछ करेंगे।”  इधर दूसरी तरफ, मौके पर पहुंची हरियाणा पुलिस की एक टीम जब उक्त संदिग्ध को लेकर सिंघु बॉर्डर से निकल रही थी कि किसानों ने उसकी गाड़ी रोक ली। संदिग्ध को पुलिस के वाहन से उतार लिया गया। किसान नेताओं और पुलिस की टीम के बीच एक कमरे में संदिग्ध की मौजूदगी में बातचीत हुई। इसके बाद ही पुलिस उसे सोनीपत के कुंडली थाने ले जा पायी।

इसके बाद सिंघु बॉर्डर से पकड़े गए युवक को क्राइम ब्रांच के दफ्तर ले जाया गया, जहां उससे फिलहाल पूछताछ की जा रही है। बताया जा रहा है कि आरोपी योगेश सोनीपत के न्यू जीवन नगर का निवासी है। यही नहीं पुलिस के मुताबिक वह 9वीं फेल है और उसका अब तक कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं रहा है।

गौरतलब है कि शुक्रवार को सरकार (Government) और किसानों (Farmers) के बीच 11वें दौर की बैठक हुई। जिसमें कोई नतीजा नहीं निकल पाया। किसान तीनों कृषि कानूनों (Agriculture Laws) को वापस लेने और एमएसपी गारंटी (MSP Guaranty) के लिए एक नया कानून (Law) बनाने की मांग पर अड़े हुए हैं। सरकार ने दावा किया है कि उन्होंने जो प्रस्ताव दिया है वह किसानों के हित में है और सरकार इससे बेहतर कुछ नहीं कर सकती। सरकार ने किसानों से प्रस्ताव पर विचार करने के लिए कहा। जबकि किसानों ने सरकार से उनके प्रस्ताव पर विचार करने को कहा है। सरकार ने पिछली बैठक के मुकाबले आज की बैठक में कड़ा रुख अपनाया है।

इधर प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बीते शुक्रवार को बातचीत बेनतीजा रहने के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान नेताओं से कहा कि कृषि कानूनों के निलंबन के प्रस्ताव को अधिनियम में खामियां होने की स्वीकारोक्ति के तौर पर नहीं समझा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए इस तरह का प्रस्ताव दिया गया और सरकार इस संकट को किसान समुदाय के हित में सुलझाने के समर्थन में है।