दिल्ली के लालकिले पर मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने निशान साहब का झंडा फहरा दिया. जहां पर प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस के दिन संबोधन देते हैं, उसी जगह प्रदर्शनकारियों ने अपना झंडा फहरा दिया. पुलिस की ओर से इन्हें समझाने की कोशिश हुई, लेकिन बात नहीं बनी.
दिल्ली के लालकिले पर मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने निशान साहब का झंडा फहरा दिया. जहां पर प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस के दिन संबोधन देते हैं, उसी जगह प्रदर्शनकारियों ने अपना झंडा फहरा दिया. पुलिस की ओर से इन्हें समझाने की कोशिश हुई, लेकिन बात नहीं बनी.

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नई दिल्ली: किसान परेड (Farmer Parade) के नाम पर लाल किले पर हिंसा (Red Fort Violence) करने और तिरंगे (National Flag) के अपमान मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) सख्त हो गई है। पुलिस ने हिंसा करने में शामिल उपद्रवियों के खिलाफ राजद्रोह (Treason) और गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (Unlawful Activities (Prevention) Act) के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

ज्ञात हो कि, गणतंत्र दिवस के दिन कृषि कानून के विरोध में आयोजित रैली में शामिल आंदोलनकारी और उपद्रवियों ने लाल किले के अंदर खूब आतंक मचाया था। वहां मौजूद सभी सुरक्षा उपकरणों को तोड़ते हुए किले के ऊपर तक पहुंच गए और तिरंगे की जगह एक धर्म विशेष का झंडा लगा दिया।

हर एंगल से जांच शुरू 

दिल्ली पुलिस ने कहा, “लाल किले मामले पर आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। गैरकानूनी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम और आईपीसी की धाराओं के साथ छेड़खानी से निपटने के प्रावधानों के तहत जांच की जा रही है। भारत के साथ-साथ देश से बाहर के संगठनों, व्यक्तियों की भूमिका और आचरण की जांच की जा रही है।”

साजिस पहले से सुनुयोजित 

26 जनवरी के दिन किसान संगठनों ने तय रास्तों के बजाय दूसरे रास्ते पर जाने के सवाल पर दिल्ली पुलिस ने कहा, “एक प्रारंभिक आकलन से पता चलता है कि दिल्ली पुलिस और किसान संगठनों के नेताओं के बीच हुए समझौते को तोड़ने के लिए पूर्व-कल्पना और अच्छी तरह से समन्वित योजना थी। स्पेशल सेल दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के पीछे बड़ी साजिश और आपराधिक डिजाइन की जांच कर रही है।”