नयी दिल्ली. प्राप्त खबरों के अनुसार जम्मू कश्मीर (Jamu Kashmir) पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farroq Abdullah) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से एक बड़ी राहत मिली है। आज कोर्ट ने कहा कि सरकार की राय से अलग और विरुद्ध राय रखने वाले आजाद विचारों की अभिव्यक्ति करने वाले को देशद्रोही नहीं कहा जा सकता है।
गौरतलब है कि फारूक के अनुच्छेद 370 पर दिए गए बयान के खिलाफ एक याचिका दाखिल की गई थी। इस याचिका में यह मांग की गई थी कि फारूक अब्दुल्ला के बयान को देखते हुए उन पर देशद्रोह जैसा संगीन मामला दर्ज हो। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट ने फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने वाली इस याचिका को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही साथ ही याचिकाकर्ता पर 50 हजार रुपए का एक जुर्माना भी लगाया है।
A bench of the Supreme Court, headed by Justice Sanjay Kishan Kaul, while refusing to entertain a PIL against former J&K CM Farooq Abdullah, observed that the expression of views that are different from the opinion of the government cannot be termed as seditious pic.twitter.com/sn2Ptxf5mb
— ANI (@ANI) March 3, 2021
दरअसल याचिकाकर्ता का यह आरोप है कि फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर अनुच्छेद-370 की बहाली के लिए चीन से मदद लेने की बड़ी बात कही थी। लेकिन इस आरोप को नेशनल कॉन्फ्रेंस ने सिरे से खारिज कर दी थी। वहीं पार्टी ने कहा कि, “फारूक अब्दुल्ला ने इस तरह का बयान कभी बनही दिया कि चीन के साथ मिलकर हम अनुच्छेद 370 की वापसी कराएंगे, लिहाजा उनके बयानों को गलत तरीके से और तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। जिसकी हम भर्त्सना करते हैं और सिरे से खारिज भी करते हैं।