Corona India

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    नयी दिल्ली.जहाँ बीते साल मार्च 2020 में कोरोना संक्रमण (Corona Pandemic) के चलते देश में लॉकडाउन (Lock Down) लगाना पड़ा था। लेकिन अब ठीक एक साल बाद आज एक बार फिर ठीक वैसी ही स्थिति बनती लग रही है। अब मार्च (March) में बढ़ते तापमान के साथ ही कोरोना वायरस का असर भी क्या फिर पहले जैसा दिखाई देना लगा है?

    इस मुद्दे पर अगर विशेषज्ञों की मानें तो इटली, फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन सहित कई देशों में इस कोरोना वायरस ने वैसे कम तापमान के मौसम में रफ्तार पकड़ी थी, लेकिन भारत में तो इसका ठीक उल्टा ही  दिखाई दे रहा है।

    क्या थी पिछले साल की कहानी:

    अगर  पिछले साल की बात करें तो तब मार्च 2020 से सितंबर 2020 तक रोजाना मिलने वाले संक्रमितों की संख्या 1000 से बढ़कर 99 हजार तक पहुंच गई थी। इस दौरान देश में हर दिन 1000 से ज्यादा लोगों की संक्रमण से मौत भी हो रही थी। लेकिन जैसे-जैसे मौसम ने करवट लेना शुरू किया, कोरोना वायरस के संक्रमण का स्वरूप भी तबसे हल्का पड़ने लगा। लेकिन करीब 5 महीने तक नियंत्रण में रहने के बाद देश में फिर से आठ राज्यों में कोरोना बढ़ा तो अब विशेषज्ञों ने भी अध्ययन शुरू कर दिया। अब अगले 3 सप्ताह बाद यह अध्ययन फिर सामने आएगा जिसमें पता चलेगा कि भारत में कोरोना संक्रमण का मौसम पर क्या असर है?

    वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानस प्रतिम रॉय ने अपने अध्ययन से यह बताया है कि कोरोना वायरस पर मौसम का काफी प्रभाव पड़ता दिखाई दियाहै। उन्होंने 14 सप्ताह के आंकड़ों का अध्ययन के साथ-साथ उस दौरान तापमान में आए बदलावों को भी गणितीय मॉडल के आधार को शामिल करते हुए अध्ययन किया था। कोलकाता, भोपाल और बंगलूरू के तापमान को लेकर उनका कहना था कि वहां कोरोना वायरस मौसम के साथ उतार चढ़ाव जरुर दिखा रहा है।

    कोरोना 30 डिग्री तापमान पर होता है तेज:

    अगर CMC की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ। गगनदीप कांग की मानें तो भारत में कोरोना वायरस के लिए सबसे अहम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस है। जहाँ 25 से 30 डिग्री सेल्सियस के तापमान में यह बढ़ने लगता है और जैसे-जैसे तापमान 35 डिग्री के आसपास आता है इस वायरस की तासीर तेज होने लगती है। हालांकि यह भी एक जरुरी प्रश्न है कि भीषण गर्मी इस वायरस को बढ़ा सकती है या नहीं? इस पर फिलहाल कोई अध्ययन नहीं हुआ है लेकिन यह विशेषज्ञ उन बयानों का खंडन जरूर करते हैं जिनमें स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा था कि धूप लेने से कोरोना वायरस नहीं होता है। डॉ। कांग ने कहा कि अभी महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश और पंजाब की जो स्थिति हम देख रहे हैं उससे यह साफ़ है कि 30 डिग्री सेल्सियस तापमान कोरोना संक्रमणको बढ़ाने के लिए काफी है।

    मौसम के साथ लोगों का अति विश्वास भी है कारण:

    वहीं  इस मुद्दे पर नीति आयोग के सदस्य डॉ। वीके पॉल का कहना है कि कोरोना संक्रमण के उतार चढ़ाव में मौसम या तापमान भी एक वजह हो सकता है लेकिन इसके अलावा भी एक और वजह भी है। वह है लोगों का अति विश्वास, जो कहीं न कहीं हमें खतरे में डाल सकता है। दिल्ली सहित कई जगहों पर लोगों के व्यवहार में एकदम से आए बदलाव को अब साफ़ देखा जा सकता है, जिससे यह प्रतीत होता है कि लोग इस कोरोना संक्रमण को हलके में ले रहे हैं और जरुरी दिशा निर्देश जैसे मास्क पहनना और हाथ बार बार धोना जैसे कार्य नहीं कर रहे हैं । अब लोगों को इस वक्त बेहद सतर्क रहने की जरूरत है, न कि कोरोना में भीड़ का हिस्सा बनने की।तभी हम कोरोना से जीत पाएंगे।