Mamta-Sarla

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    कोलकाता: पॉलिटिक्स (Politics) ऐसी चीज है जहां किसी पर भरोसा करने का मतलब खुदके पैरों पर कुल्हाड़ी मारना है। इस बात का ताजा उदाहरण है तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) की सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को झटका देने वाली सरला मुर्मू (Sarla Murmu)। इस टीएमसी नेता ने ऐन मौके पर, पार्टी टिकट मिलने के बावजूद पार्टी छोड़ दी है। मुर्मू को हबीबपुर निर्वाचन क्षेत्र (Habibpur Constituency) से टिकट दिया गया था।

    तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी किसी उम्मीदवार को किसी निर्वाचन क्षेत्र से ‘‘उसकी निजी इच्छा के अनुसार नहीं, बल्कि उसके जीतने की संभावनाओं” के आधार पर खड़ा करती है। तृणमूल और भाजपा के बीच पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ‘करो या मरो’ के जबरदस्त मुकाबले में किसी उम्मीदवार को बदलने का यह पहला मामला है। 

    पार्टी में ऐसा पहला मामला 

    टिकट पाने के बावजूद दूसरी पार्टी का दामन थामने का टीएमसी में ऐसा पहली बार हुआ है। इससे पूर्व टिकट मिलने के बाद किसी भी नेता ने ऐसा नहीं किया है। सरला मुर्मू ने टिकट मिलने के बाद भी आज बीजेपी का हाथ थम लिया है। खबर है कि वह आज भाजपा में शामिल हो जाएंगी। टीएमसी ने एक बयान जारी कर कहा है कि, हबीबपुर विधानसभा सीट पर अपना उम्मीदवार बदल रही है. क्योंकि सरला मुर्मू का स्वास्थ्य खराब है। 

    मुर्मू की जगह प्रदीप बसकी बने नए उम्मीदवार 

    अब सरला मुर्मू से मिले धोके के बाद टीएमसी ने हबीबपुर सीट से अब प्रदीप बसकी को अपना नया उम्मीदवार बनाया है। मालदा जिले में 26 और 29 अप्रैल को दो चरणों में मतदान होने वाले हैं। इस जिले में 12 विधानसभा सीटें हैं। साल 2016 के चुनाव में इस जिले से तृणमूल कांग्रेस बुरी तरह हारी थी।