RAWAT-BABY-MAURYA

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    देहरादून. एक बड़ी खबर के अनुसार उत्तराखंड (Uttrakhand) की सरकार पर छाए हुए गहरे संकट के बादलों के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) आज फिर दिल्ली (Delhi) से वापस देहरादून (Dehradun) पहुंच रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक त्रिवेंद्र सिंह रावत आज दोपहर 4 बजे उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मोर्या से भी मुलाकात करेंगे। वहीं अब लगातार ये कयास लगाया जा रहा है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत को बीजेपी मुख्यमंत्री पद से हटा सकती है।  

    राज्यपाल से CM रावत की मुलाकात, क्या है माजरा:

    इधर ऐसे में अब राज्यपाल से CM रावत की मुलाकात कई नए संकेत दे रही है। वहीं दूसरी तरफ अगर सूत्रों की मानें तो बीजेपी ने उत्तराखंड के सभी पार्टी विधायकों की फिर एक बैठक बुलाई है, जिसमें राज्य के नए मुख्यमंत्री के नाम पर भी मुहर लगाई जा सकती है।  विदित हो कि उत्तराखंड में पार्टी के कई विधायकों और मंत्रियों ने त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उसी के बाद से ही उत्तराखंड सरकार पर संकट के गहरे बादल छाए हुए हैं। 

    मामला टला पर ख़त्म नहीं हुआ: 

    हालाँकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक और कुछ पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि सोमवार को जो भी निर्णय हुआ है यह अस्थायी है। अंतिम निर्णय लेने से पहले केंद्रीय नेतृत्व को कई पक्षों को देखना है। मसलन राज्य में अगले ही साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में नया चेहरा आजमाने का खतरा क्या उठाया जा सकता है या नहीं? क्या इस पूरे विवाद को मंत्रिमंडल विस्तार के जरिये असंतुष्टों को खुश कर खत्म किया जा सकता है?फिर सवाल जातिगत समीकरण का भी है। फिलहाल राज्य में जातिगत प्रभाव को देखते हुए वहां राजपूत और ब्राह्मण समुदाय में संतुलन बनाना जरूरी है। इसी के चलते अब इस मामले में केंद्रीय नेतृत्व ने विस्तार से मंथन करने का फैसला किया है।

    एन.डी तिवारी को छोड़कर को भी CM पूरा नहीं कर पाया अपना कार्यकाल:

    गौरतलब है कि उत्तराखंड में सिर्फ एनडी तिवारी को ही छोड़कर दोनों बड़ी सियासी पार्टियों से कोई भी मुख्यमंत्री अब तक अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है।  वैसे भी उत्तराखंड की राजनीति का मिजाज कभी भी स्थिर नहीं रहा है।  जहाँ प्रदेश में बीजेपी तीसरी बार सत्ता में है, लेकिन कोई भी मुख्यमंत्री अपने पांच सालों का कार्यकाल अभी तक पूरा नहीं कर पाया है।  विदित हो कि कि साल 2000 में अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में इस राज्य का निर्माण हुआ और राज्य में उस समय बीजेपी की सरकार बनी थी, जिसके बाद अगले दो सालों में बीजेपी के ही दो मुख्यमंत्री बने थे।  

    उत्तराखंड बीजेपी का एक बड़ा धड़ा CM रावत के खिलाफ:

    इधर मीडिया रिपोर्ट्स की मुताबिक उत्तराखंड में बीजेपी से जुड़े एक नेता ने कहा कि, अगले वर्ष 2022 में चुनाव है।  कई विधायकों की नाराजगी के कारण वर्तमान मुख्यमंत्री के नेतृत्व में चुनाव लड़ना खतरे से खाली नहीं माना जा रहा है।  हालांकि पार्टी नेतृत्व विधायकों को मनाकर डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश में जरूर लगा है। 

    मुख्यमंत्री की रेस में ये बड़े नाम भी शामिल: 

    गौरतलब है कि उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री की रेस में राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी, नैनीताल से लोकसभा सांसद अजय भट्ट और मंत्री सतपाल महाराज का नाम भी फिलहाल आगे चल रहा है।  इन तीनों में से किसी भी एक नेता के नाम पर बीजेपी राज्य में अपना अगला विधानसभा चुनाव लड़ सकती है।  ऐसे में अब यह देखना रोचक होगा कि बीजेपी त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाती है या फिर वो भी अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा कर बीजेपी के नए एन.डी तिवारी बन इतिहास रचेंगे।