इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री (Prime Minister) इमरान खान (Imran Khan) ने पश्चिमी देशों की सरकारों से शनिवार को आग्रह किया कि वे पैगंबर का अनादर करके मुसलमानों (Muslims) के खिलाफ नफरत भरे संदेश जानबूझकर फैलाने वालों को उसी प्रकार दंडित करें जिस तरह से उन्होंने नाजी जर्मनी (Germany) द्वारा यहूदियों (Jews) के नरसंहार के खिलाफ किसी नकारात्मक टिप्पणी को प्रतिबंधित किया है। खान ने एक कट्टरपंथी धार्मिक समूह द्वारा हाल ही में हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद कई ट्वीट किये और कहा कि मुसलमान अपने पैगंबर की किसी भी तरह की ईशनिंदा बर्दाश्त नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन पश्चिमी देशों की सरकारों का भी आह्वान करता हूं जिन्होंने नाजी जर्मनी की ओर से यहूदियों के नरसंहार से इनकार करने वाली टिप्पणियों को प्रतिबंधित किया है कि वे उन लोगों को दंडित करने के लिए भी वही मानक अपनायें जो पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी करके मुस्लिमों के खिलाफ जानबूझकर नफरत वाले संदेश फैला रहे हैं।”
I also call on Western govts who have outlawed any negative comment on the holocaust to use the same standards to penalise those deliberately spreading their message of hate against Muslims by abusing our Prophet PBUH.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) April 17, 2021
1930 और 1940 के दशकों में यूरोप में लगभग 60 लाख यहूदियों का नाजी जर्मनी द्वारा नरसंहार किये जाने की घटनाओं से इनकार के खिलाफ कई यूरोपीय देशों एवं इजराइल में कानून हैं। कई देशों में व्यापक कानून भी हैं जो इस नरसंहार से इनकार किये जाने को अपराध बनाते हैं। खान ने कहा कि विदेशों में उन चरमपंथियों और इस्लामोफोबिया एवं नस्ली टिप्पणी में लिप्त होने वालों को दुनिया भर के 1.3 अरब मुसलमानों के पैगंबर के प्रति प्रेम को समझना चाहिए।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हम मुसलमानों में पैगंबर के लिए बहुत प्रेम और सम्मान है जो हमारे दिलों में बसते हैं। हम इस तरह का कोई भी अपमान और दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं कर सकते।” उन्होंने साथ ही पश्चिम में उन चरमपंथी समूहों को मुस्लिमों से ‘‘जानबूझकर” उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए माफी मांगने के लिए भी कहा। खान का यह ट्वीट ऐसे समय आया है जब उनकी सरकार ने पिछले साल फ्रांस में प्रकाशित एक ईशनिंदा कार्टून को लेकर फ्रांसीसी राजदूत को पाकिस्तान से निष्कासित करने की मांग पर एक हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद बृहस्पतिवार को कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लबाइक पाकिस्तान (टीएलपी) पर प्रतिबंध लगा दिया है।
टीएलपी ने सोमवार को तब विरोध प्रदर्शन शुरू किया था जब पैगंबर के कार्टून के प्रकाशन को लेकर फ्रांसीसी राजदूत को देश से निष्कासित करने के लिए संगठन द्वारा दी गई 20 अप्रैल समयसीमा से पहले संगठन के प्रमुख साद हुसैन रिज़वी को गिरफ्तार कर लिया गया था। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार ने पिछले नवंबर में टीएलपी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने पर सहमति व्यक्त की गई थी। सरकार ने टीएलपी को आतंकवाद कानून के तहत प्रतिबंधित किया था। (एजेंसी)