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    नयी दिल्ली. बीते शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने जी-7 शिखर सम्मेलन (G-7 Summit) के एक सत्र को डिजिटल तरीके से संबोधित करते हुए कोरोना वायरस महामारी से प्रभावी तौर पर निपटने के लिए ‘एक धरती, एक स्वास्थ्य’ का सामरिक दृष्टिकोण को अपनाने का बड़ा आह्वान किया। इसके साथ ही उन्होंने कोरोना वैक्सीन के लिए पेटेंट छोड़ने को लेकर जी-7 के देशों के समर्थन का भी एक अनुपम आग्रह किया।

    वहीं एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार  भविष्य की महामारी को रोकने के लिए वैश्विक एकजुटता, नेतृत्व और तालमेल का आह्वान करते हुए PM मोदी ने चुनौती से निपटने के लिए लोकतांत्रिक और पारदर्शी समाजों की विशेष जिम्मेदारी पर जोर दिया। गौरतलब है कि PM मोदी आज यानी रविवार को भी जी-7 सम्मेलन के समापन दिन भी भागीदारी करेंगे और इसके दो सत्र को भी संबोधित करेंगे।

    बीते शनिवार को हुए इसके एक सत्र में PM नरेंद्र मोदी ने कोरोना संबंधी प्रौद्योगिकियों पर पेटेंट छूट के लिए भारत, दक्षिण अफ्रीका द्वारा WTO में दिए गए प्रस्ताव के लिए जी-7 के समर्थन का भी आह्वान किया। इसके एक आधिकारिक बयान में कहा गया, “प्रधानमंत्री ने वैश्विक स्वास्थ्य शासन में सुधार को लेकर सामूहिक प्रयासों के लिए भारत के सहयोग की प्रतिबद्धता जतायी।न्होंने कोविड संबंधी प्रौद्योगिकियों पर ट्रिप्स (बौद्धिक संपदा अधिकार के कारोबारी पहलुओं संबधी छूट) के लिए भारत और दक्षिण अफ्रीका द्वारा विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में दिए गए प्रस्ताव पर जी-7 के समर्थन का भी आह्वान किया।”

    आपको बता दें कि जी-7 में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका शामिल हैं। जी-7 की अध्यक्षता कर रहे ब्रिटेन ने भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और दक्षिण अफ्रीका को अतिथि देश के तौर पर आमंत्रित किया है।