नई दिल्ली: पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Elections 2022) में अब कुछ ही महीनों का समय बचा हुआ है। यही कारण है कि सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तरफ से तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसी कड़ी में मायावती की बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) और अकाली दल (Akali Dal) ने एक साथ गठबंधन का ऐलान कर दिया है। साथ ही दोनों पार्टियां बड़ी जीत का दावा कर रही हैं। अगर सब कुछ सही रहा तो यह गठबंधन एक बड़ी जीत सूबे में दर्ज कर सकता है।
ज्ञात हो कि पंजाब में गठबंधन कर दोनों पार्टियों की नजर 33 फीसदी दलित वोटरों पर है। ऐसे में गठबंधन के तहत अकाली दल ने बीएसपी को वो सीटें देने का फैसला किया है जहां दलित वोटर हार और जीत में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इन सीटों में करतारपुर, जालंधर नार्थ और वेस्ट, होशियारपुर शहरी, टांडा, दसूहा, लुधियाना नार्थ सहित विधानसभा की कई सीटों का समावेश है।
गौरतलब है कि अकाली दल और बीएसपी ने 1996 का लोकसभा चुनाव साथ में लड़ा था। इस चुनाव में पंजाब की 13 में से 11 लोकसभा सीटों पर गठबंधन ने जीत हासिल की थी। बीएसपी ने सभी तीन सीटों पर जीत का परचम लहराया था। साथ ही अकाली दल 10 में आठ सीटों को जीतने में कामयाब हुई थी।
वहीं पंजाब में गठबंधन के तहत राज्य की 117 विधानसभा सीटों में से 20 सीटों पर बीएसपी चुनाव लड़ेगी और 97 सीटों पर अकाली दल चुनाव लड़ेगी। हालांकि इस गठबंधन को लेकर सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई है।