बांदीपोरा. एक बड़ी खबर के अनुसार जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में आज यानी शनिवार को सुरक्षाबलों (Security Forces) और आतंकियों (Terrorists) के बीच एक खुनी मुठभेड़ (Encounter) शुरू हो गई है। खबरों के अनुसार सुरक्षाबलों ने इस इलाके को घेर लिया है। साथ ही आतंकियों की तलाश की जा रही है। दरअसल न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, बांदीपोरा के सुंबलर इलाके के शोकबाबा जंगल में यह मुठभेड़ शुरू हो चुकी है। पुलिस और सुरक्षा बल मिलकर ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं।
Jammu and Kashmir: An encounter begins at Shokbaba forest, Sumblar area of Bandipora. Police and security forces are carrying out the operation. Details awaited.
— ANI (@ANI) July 24, 2021
वहीं सूत्रों के अनुसार, बांदीपोरा के सोकबाबा के वन क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी की विशेष सूचना मिलने पर एक संयुक्त व्यापक तलाशी अभियान चलाया गया था। इसके साथ ही यहाँ के अधिकारी ने बताया कि बांदीपोरा पुलिस, 13 RR, 14 RR, पारा और CRPF की संयुक्त टीमों ने यहाँ एक सघन तलाशी अभियान शुरू किया।
इस पर अधिकारी ने आगे बताया कि, फिलहाल आतंकवादियों की सही संख्या का पता नहीं है लेकिन दोनों तरफ से बदस्तूर गोलीबारी जारी है। इसके साथ ही अधिकारी का यह भी कहना था कि आज सुबह जैसे ही सुरक्षाबल संदिग्ध स्थान की ओर बढ़ रहे थे, छिपे हुए आतंकवादियों ने उन पर ताबड़तोड़गोलियां चला दीं जिससे मुठभेड़ हो गई।
गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के सोपोर में रात भर चली मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने लश्कर के कमांडर समेत दो आतंकियों को मार गिराया था। इनके पास से दो एके 56 राइफल, चार मैगजीन, 136 कारतूस व दो बैग बरामद हुए हैं। दोनों आतंकी स्थानीय थे।
इस पर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षाबलों ने कई बार आतंकियों को आत्मसमर्पण करने का मौका दिया, लेकिन दहशतगर्द नहीं माने और जवानों पर उलटे फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में लश्कर कमांडर समेत दो आतंकियों को मार गिराया गया। मारे गए आतंकियों की शिनाख्त वारपोरा के फयाज अहमद वार उर्फ उमर और चेरपोरा बडगाम के शाहीन अहमद मीर उर्फ शाहीन मौलवी के तौर पर हुई है।
बताया जा रहा है कि यह दोनों आतंकी ही कई घटनाओं को अंजाम दे चुके थे। फय्याज लश्कर का कमांडर था और उसका खुद का एक लंबा-चौड़ा आपराधिक रिकॉर्ड है। रिकॉर्ड की मानें तो वो 2008 में आतंकवाद में शामिल हुआ था। हालांकि, उसने हथियार समेत सरेंडर भी किया था, लेकिन रिहा होने के बाद वो एक बार फिर हिजबुल के साथ काम करने लगा और एक बार फिर से उसे PSA के तहत गिरफ्तार किया गया था। मार्च 2020 में रिलीज होने के बाद वो लश्कर में शामिल हुआ था, और आतंकवादी गतिविधियों में बड़े पैमाने में संलिप्त था।