नई दिल्ली: भारतीय बैडमिंटन के कई दिग्गज खिलाड़ियों के लिए प्ररेणा रहे नंदू नाटेकर के बुधवार को निधन पर बैडमिंटन जगत ने शोक जताया जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट और टेनिस खेलने के बाद अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी बने नाटेकर का बुधवार को पुणे में निधन हुआ। अपने करियर के दौरान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 100 से अधिक खिताब जीतने वाले 88 साल के नाटेकर उम्र संबंधित बीमारियों से परेशान थे। वह 1961 में अर्जुन पुरस्कार हासिल करने वाले पहले बैडमिंटन खिलाड़ी थे।
नाटेकर के निधन पर शोक जताते हुए मोदी ने कहा कि उनकी उपलब्धियां उभरते हुए खिलाड़ियों को प्रेरित करती रहेंगी। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘नंदू नाटेकर का भारतीय खेल इतिहास में विशेष स्थान है। वह शानदार बैडमिंटन खिलाड़ी और बेहतरीन मार्गदर्शक थे।” प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उनकी सफलता उभरते हुए खिलाड़ियों को प्रेरित करती रहेगी। उनके निधन से दुखी हूं। इस दुख के समय में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और मित्रों के साथ है। ओम शांति।” अपने समय के सबसे लोकप्रिय खिलाड़ियों में से एक माने जाने वाले नाटेकर दुनिया के तीसरे नंबर के पूर्व खिलाड़ी हैं। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने नाटेकर को ‘असाधारण बैडमिंटन खिलाड़ी’ करार दिया।
पीएम मोदी का ट्वीट-
Shri Nandu Natekar has a special place in India’s sporting history. He was an outstanding badminton player and a great mentor. His success continues to motivate budding athletes. Saddened by his demise. My thoughts are with his family and friends in this sad hour. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 28, 2021
ठाकुर ने ट्वीट किया, ‘‘उन्हें 1961 में प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया। खिलाड़ियों की एक पीढ़ी ने उनसे प्रेरणा ली। उनके परिवार और मित्रों के प्रति संवेदनाएं।” राष्ट्रीय मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद ने उन्हें खेल का ‘सच्चा लीजेंड’ करार दिया जबकि विमल कुमार ने स्वयं के खेल से जुड़ने का श्रेय उन्हें दिया। गोपीचंद ने पीटीआई से कहा, ‘‘हमारे लिए वह भारतीय बैडमिंटन के सच्चे लीजेंड हैं। वह काफी सम्मानित थे और हमने उनके बारे में कहानियां सुनी। उन्होंने शीर्ष स्तर पर बैडमिंटन ही नहीं बल्कि टेनिस भी खेला। वह ऐसे युग में खेले जब वह सुरेश गोयल, दिनेश खन्ना और प्रकाश पादुकोण के साथ शीर्ष खिलाड़ी थे।”
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का ट्वीट-
Sh. Nandu Natekar was an exceptional badminton player who leaves behind an outstanding sporting legacy. In 1961 he was conferred with the prestigious Arjuna Award. A generation of athletes have drawn inspiration from him. Sincere condolences to his family & friends. pic.twitter.com/1WXnPqYIG1
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) July 28, 2021
नाटेकर 1951-52 राष्ट्रीय जूनियर टेनिस के फाइनल में रामनाथन कृष्णन के खिलाफ हार के बाद बैडमिंटन से जुड़े। गोपीचंद ने कहा, ‘‘वह काफी मृदुभाषी और भद्रजन थे। बैडमिंटन में क्या चल रहा है इसमें उनकी काफी रुचि थी। उनके कोणों की बेजोड़ समझ थी, वह एक एथलीट थे क्योंकि वह टेनिस और बैडमिंटन से सामंजस्य बैठा पाए। ” पूर्व भारतीय कोच विमल ने कहा कि उनके पिता नाटेकर के बड़े प्रशंसक थे और उनके कारण ही वह खेल से जुड़े।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पिता उनके बड़े प्रशंसक थे और (तब) त्रिवेंद्रम में राष्ट्रीय प्रतियोगिता में उनको देखने के बाद मेरे पिता ने घर के बाहर कोर्ट बनवाया और इस तरह मैं बैडमिंटन से जुड़ा।” विमल ने कहा, ‘‘मैं उन्हें तभी खेलते हुए देख पाया जब उन्होंने 1980 के दशक में वेटरन आल इंग्लैंड का खिताब जीता। वह 1950 के दशक में क्रिकेटरों के जितने लोकप्रिय थे और लोग उन्हें खेलते हुए देखने के लिए लाइन लगाते थे।”
महाराष्ट्र की टीम में नाटेकर के साथ खेल चुके अब्दुल शेख की उनसे काफी अच्छी यादें जुड़ी हैं। वर्ष 1967 में कनाडा में बसने वाले और फिर कनाडा बैडमिंटन टीम को कोचिंग देने वाले शेख ने वैंकूवर से पीटीआई से कहा, ‘‘उनके बारे में सुनकर मुझे दुख है। मैंने अपने जीवन में जिन अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को देखा उनमें वह सबसे स्टाइलिश और आकर्षक में से एक थे। ”
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने 1960 के दशक में इंडिया ओपन में उनके साथ साझेदारी की। हमें फाइनल में मलेशिया के खिलाफ हार झेलनी पड़ी। वह उन खिलाड़ियों में से जो मलेशिया के वोंग पेंग सून के शानदार बैकहैंड शॉट को उठा लेते थे। वह शानदार शॉट खेलते थे और उनका फुटवर्क खूबसूरत था।” शेख के अनुसार नाटेकर अच्छे गायक भी थे।
पूर्व भारतीय खिलाड़ी और युगल विशेषज्ञ उदय पवार और बार्सीलोना 1992 तथा अटलांटा 1996 ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले दीपांकर चटर्जी ने भी उनके निधन पर शोक जताया। दीपांकर ने उन्हें ‘भारतीय बैडमिंटन का गॉडफादर’ करार दिया। भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) के अध्यक्ष हिमांत बिश्व सरमा ने ट्विटर पर उनके निधन पर शोक जताया।
One of the towering icons of Indian badminton, Nandu Natekar leaves behind a rich legacy, that we shall cherish forever. 6-time national champion & first Indian to win an international title in 1956, Natekar shall be remembered fondly for his drives, drops & smashes. Condolences. pic.twitter.com/jfDl4eShoQ
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 28, 2021
सरमा ने ट्वीट किया, ‘‘भारतीय बैडमिंटन के आइकन में से एक नंदू नाटेकर अपने पीछे शानदार विरासत छोड़ गए जिसे हमेशा याद रखा जाएगा। छह बार के राष्ट्रीय चैंपियन और 1956 में अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी नाटेकर को उनके ड्राइव, ड्रॉप और स्मैश के लिए याद रखा जाएगा। संवेदनाएं।”(एजेंसी)