नई दिल्ली: मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA ) के वी सुब्रमण्यम (KV Subramaniam) ने बुधवार को कहा कि भारत (India) अगले वित्त वर्ष 2022-23 में 6.5 से 7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगा। इसके बाद के वर्षों में सरकार की ओर से आगे बढ़ाए गए सुधारों की वजह से वृद्धि दर 8 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि राजस्व संग्रह पर दबाव के बावजूद सरकार चालू वित्त वर्ष के लिए 6.8 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा कर लेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2022-23 से हम 6.5 से 7 प्रतिशत की वृद्धि दर पर पहुंच जाएंगे। उसके बाद सुधारों की वजह से हम 7.5 से 8 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करेंगे।” सुब्रमण्यम ने बेस विश्वविद्यालय के एक वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने अगले वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
आईएमएफ ने मंगलवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया है। कोविड-19 की गंभीर दूसरी लहर की वजह से आईएमएफ ने वृद्धि दर का अनुमान घटाया है।
आईएमएफ ने अप्रैल में चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 12.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। आईएमएफ का अनुमान है कि 2022-23 में भारत की अर्थव्यवस्था 8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। अप्रैल में आईएमएफ ने अगले वित्त वर्ष में 6.9 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया था। (एजेंसी)