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    नयी दिल्ली. दोपहर की बड़ी खबर के मुताबिक, इंडोनेशिया (Indonesia) के संस्थापक राष्ट्रपति सुकर्णो और उनकी पत्नी फातमावती की बेटी दीया मुटियारा सुकमावती ने अब इस्लाम धर्म छोड़ने का फैसला किया है। यही नहीं वे अब वह हिंदू धर्म अपनाने की तैयारी में भी हैं। पता हो कि उन्हें सुकमावती सुकर्णोपुत्री के नाम से भी जाना जाता है। धर्मांतरण समारोह के प्रभारी आर्य वेदकर्ण ने बताया कि काल यानी 26 अक्टूबर को बाली अगुंग सिंगराजा में शुद्धि वधनी नाम का एक कार्यक्रम होगा। इसमें वह औपचारिक रूप से हिंदू धर्म अपनाएंगी। दिलचस्प बात ये है कि धर्मांतरण समारोह की तारीख पर ही सुकमावती का 70वां जन्मदिन भी है।

    शाही परिवार के राजकुमार से शादी, फिर तलाक

    दरअसल सुकमावती ने मध्य जावा के सोलो के मंगकेनेगरा शाही परिवार के राजकुमार सुजीवा कुसुमा (मंगकुनेगरा IX) से विवाह किया था। इस विवाह से उनके तीन बच्चे हैं। बाद में उनका तलाक भी हो गया था। बताया जाता है कि सुकमावती ने हिंदू धर्म को अपनाने का फैसला अपनी दादी इडा आयु न्योमन राय श्रीम्बेन (1881-1958) से प्रभावित होकर लिया है। इस बाबत सुकमावती के निजी वकील ने बताया कि इसका कारण उनकी दादी का धर्म है। वैसे उनकी दादी मूलतः हिंदू थीं। सुकमावती ने हिंदू धर्मशास्त्र को भी बड़ी अच्छी तरह से पढ़ा है। बाली की पिछली यात्राओं के दौरान सुकमावती अक्सर हिंदू धार्मिक समारोहों में शामिल होती थीं और हिंदू धार्मिक हस्तियों के साथ उनकी बहुत चर्चा होती थीं।

    यूँ था  स्कूली जीवन 

    गौरतलब है कि सुकमावती इंडोनेशिया की पूर्व राष्ट्रपति मेगावती सुकर्णोपुत्री और राजनेता रचमावती सुकर्णोपुत्री की छोटी बहन हैं। सुकमावती ने वर्ष 1967 में जकार्ता के सेकोलाह राक्यत सिकिनी में प्राथमिक और जूनियर हाई स्कूल में पढ़ाई की थी। फिर साल 1969 में उन्होंने स्टेट सीनियर हाई स्कूल 3 तेलदान से ग्रेजुएशन किया था। उन्होंने इसके बाद 1970-1974 में जकार्ता आर्ट्स एजुकेशन इंस्टीट्यूट के डांस एकेडमी से बाकायदा डांस की ट्रेनिंग ली है। इसी प्रकार साल 2003 में, उन्होंने जकार्ता के बंग कर्णो यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल रिलेशन में भी दाखिला लिया था।

    राजनीति में प्रवेश लेकिन असफल 

    इसके बाद सुकमावती ने इंडोनेशियाई नेशनल पार्टी (PNI) को फिर से खड़ा किया था। लेकिन अब की उन्होंने पार्टी का नाम बदलकर PNI सुपेनी कर दिया। उनकी पार्टी ने इंडोनेशिया के 1999 के आम चुनाव में हिस्सा लिया जिसे केवल 0।36% वोट ही मिले। अपने खराब प्रदर्शन के कारण भविष्य के कोई भी चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य होने के कारण, पार्टी ने 2002 में इसका नाम बदलकर पीएनआई मारहेनिस्मे कर दिया। साथ ही सुकमावती को पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। पार्टी को 2004 के आम चुनाव में मात्र 0।81% वोट मिले और संसद में सिर्फ एक ही सीट जीती। 2009 के चुनाव में, पार्टी ने केवल 0।3% वोट हासिल कर सकी और अपनी यही एकमात्र सीट भी गंवा बैठी। इन सब झंझावतों के बीच उनका झुकाव हिन्दू धर्म की ओर हो गया।