Bombay High Court seeks reply from Nawab Malik on the petition of Sameer Wankhede's father, said this
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    मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) में एक व्यक्ति ने जनहित याचिका दाखिल कर महाराष्ट्र (Maharashtra) के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) (NCP) के नेता नवाब मलिक (Nawab Malik) को अभिनेता शाहरूख खान (Shahrukh Khan) के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) से जुड़े मादक पदार्थ के मामले (Drugs Case) में स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) (NCB) के खिलाफ कोई टिप्पणी न करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।

    मंगलवार को जनहित याचिका दाखिल करने वाले कौसर अली ने खुद को मौलवी और नशा करने वालों के पुनर्वास के लिए काम करने वाला व्यक्ति बताया है। अली ने उच्च न्यायालय से मलिक को एनसीबी या आर्यन खान मामले से जुड़ी किसी अन्य जांच एजेंसी और ऐसी एजेंसियों के अधिकारियों के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं करने का निर्देश देने का आग्रह किया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि इस तरह की बयानबाजी से जांच एजेंसियों का मनोबल गिरेगा और नशीली दवाओं के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।

    मलिक के हाल के कुछ ट्वीट्स का हवाला देते हुए जनहित याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के मंत्री लगातार ट्वीट कर रहे हैं और एनसीबी तथा उसके अधिकारी समीर वानखेड़े का ‘मनोबल’ तोड़ने का काम कर रहे हैं। याचिका में दावा किया गया है कि वानखेड़े की निगरानी में एनसीबी हाल के दिनों में ‘‘सबसे प्रभावी” एजेंसी साबित हुई है। उच्च न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई की तारीख अभी निर्धारित नहीं की है।

    एनसीबी ने आर्यन खान (23) को तीन अक्टूबर को उनके दोस्त अरबाज मर्चेंट, फैशन मॉडल मुनमुन धमेचा और कुछ अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया था। एनसीबी ने मुंबई तट पर एक क्रूज जहाज पर छापा मारा था और मादक पदार्थ जब्त करने का दावा किया था। मलिक ने कई बार क्रूज ड्रग्स मामले को ‘‘फर्जी” करार दिया और वानखेड़े के खिलाफ अवैध फोन टैपिंग सहित कई आरोप लगाए। वानखेड़े ने आरोपों का खंडन किया है और किसी भी गलत काम से इनकार किया है। (एजेंसी)