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    नई दिल्ली. आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose Jayanti)की जयंती है।पाठकों को बता दें किसुभाष चंद्र बोस(Subhash Chandra Bose)स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नेता थे। बता दें किसुभाष चंद्र बोस का जन्म (Subhash ChandraBose Birthday) 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा में कटक में हुआ था।

    हालाँकि इनका निधन 18 अगस्त 1945 में हुआ था। लेकिन इनकी मृत्यु हुई तो ये केवल 48 वर्ष के ही थे। वो हमारे देश के एक महान भारतीय राष्ट्रवादी नेता थे जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत की आजादी के लिये द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बड़ी हिम्मत से लड़ा था। इसके साथ ही नेताजी 1920 और 1930 के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के स्वच्छंदभाव, युवा और कोर नेता भी रहे थे।

    हालाँकि वो 1938 में कांग्रेस अध्यक्ष बने लेकिन फिर 1939 में उन्हें हटा भी दिया गया था। लेकिन इन सबसे ऊपर नेताजी भारत के एक क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने बहुत संघर्ष किया और एक बड़ी भारतीय आबादी को स्वतंत्रता संघर्ष के लिये प्रेरित किया। 

    पाठकों को बता दें कि नेताजी ने देश की आजादी के लिए ही आजाद हिंद फौज का गठन किया था। फिर, “तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा…! का नारा बुलंद करने वाले सुभाष चंद्र बोस आज भी हम भारतीयों के दिलों में बसते हैं। सुभाष चंद्र बोस 24 साल की तरुण उम्र में इंडियन नेशनल कांग्रेस से जुड़ गए थे।

    राजनीति में कुछ वर्ष सक्रिय रहने के बाद उन्होंने महात्मा गांधी से अलग अपना एक विमुख दल बनाया। अपनी राष्ट्रवादी क्रियाकलापों के लिये उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा लेकिन वो इससे न कभी थके और ना ही निराश हुए। इसके बाद उन्होंने आजाद हिंद फौज का गठन किया। सुभाष चंद्र बोस के इन्ही क्रांतिकारी विचारों से प्रभावित होकर कई युवा आजाद हिंद फौज में शामिल हुए और देश की आजादी में अपना योगदान दिया। 

    आज भी नेता जी के विचार लाखों लोगों को बहुयामी रूप से प्रेरित करते हैं। देश कि स्वतंत्रता के लिए उनके द्वारा संपादित साहसिक कार्य आज भी लाखों भारतीय युवाओं को अपनी भारत माता के लिये कुछ कर गुजरने की प्रेरणा देता। युगों युगों तक एक अविस्मरणीय वृतांत के रुप में भारतीय इतिहास में नेताजी के महान कार्य और योगदान चिन्हित रहेगा और ऐसे ही भारत कि भावी पीढ़ी को देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत करता रहेगा।