नई दिल्ली. सुबह की बड़ी खबर के अनुसार ‘देवी काली’ विवाद और नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) पर भारत में मचे बवाल को लेकर अब बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन (Taslima Nasreen) ने कहा कि कोई शख्स अगर सच में फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन का सम्मान करता है तो वो नूपुर शर्मा और महुआ मोइत्रा के विचारों की इज्जत करेगा। वहीं, अगर कोई फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन में बिल्कुल भी विश्वास नहीं करता तो दिए गए दोनों बयान उनके सरासर गलत लगेंगे।
If you believe in freedom of expression, you would support both Sharma’s and Moitra’s right to express their views. If you do not believe in freedom of expression, you would support neither’s right or either Sharma’s or Moitra’s right to express their views.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) July 6, 2022
इसके साथ ही तसलीमा नसरीन ने आगे कहा कि, “फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन हिंसक बिल्कुल भी नहीं है। किसी का सिर कलम कर इनाम की घोषणा करना इसे आप फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन तो बिल्कुल भी नहीं कह सकते हैं। किसी के विचारों की इज्जत करना और किसी के विचार व्यक्त करने के अधिकार का समर्थन करना दोनों पूरी तरह से अलग है। वहीं फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन का सम्मान करना गलत नहीं है।”
Supporting someone’s views and supporting someone’s right to express views are totally different things. I may not agree with people’s views, but I will always defend the right to express their views, including my enemy’s views.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) July 6, 2022
Violence is not freedom of expression. Putting a price on someone’s head is not freedom of expression. Asking people to go and kill someone is not freedom of expression.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) July 6, 2022
इतना ही नहीं तसलीम आगे बोलीं, “हो सकता है कि मैं लोगों के विचारों से शायद सहमत न होऊं लेकिन मैं हमेशा उनके विचारों को व्यक्त करने के अधिकार का समर्थन बिल्कुल करूंगी। फिर चाहें वो मेरे किसी दुश्मन के क्यों ना हों।”
गौरतलब है कि ‘देवी काली’ के एक विवादित फिल्म पोस्टर पर TMC की सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा था कि, काली मां को मांस बहुत पसंद है और वह शराब को स्वीकार करती हैं। वहीं, नूपुर शर्मा ने पैगम्बर मोहम्मद पर टिप्पणी की थी जिसके बाद देश भर में हंगामा हुआ था और कई हत्याएं भी हुईं।