Rohingya
File Pic

    Loading

    नई दिल्ली. जहां एक तरफ केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने ट्वीट के माध्यम से जानकारी दी थी कि, केंद्र सरकार यहां रह रहे करीब 1100 रोहिंग्याओं को अब उनके टेंट से निकालकर पक्की छत देने के प्रयास का रही है। साथ ही जल्द ही उन्हें सभी मूलभूत सेवाएँ मुहैया कराते हुए EWS फ्लैट भी मिलेंगे और पुलिस का संरक्षण भी मिलेगा। वहीं अब इस मुद्दे पर गृहमंत्री कार्यालय ने सफाई देते हुए कहा है कि, फिलहाल इस बाबत गृह मंत्रालय ने कोई भी निर्देश नहीं दिए हैं। साथ ही उन्हें यूएनएचसीआर आईडी और मूलभूत सुविधाएं चौबीसों घंटे प्रदान की जाएगी। 

    क्या कहा गृहमंत्रालय ने 

    दरअसल आज गृह मंत्रालय  ने इस बाबत ट्वीट किया, “अवैध विदेशी रोहिंग्या के संबंध में मीडिया के कुछ वर्गों में समाचार रिपोर्टों के संबंध में, यह स्पष्ट किया जाता है कि गृह मंत्रालय (एमएचए) ने नई दिल्ली के बक्करवाला में रोहिंग्या अवैध प्रवासियों को ईडब्ल्यूएस फ्लैट प्रदान करने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया है।

     ट्वीट में यह भी कहा गया कि, दिल्ली सरकार ने रोहिंग्याओं को एक नए स्थान पर स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा। MHA ने GNCTD को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि रोहिंग्या अवैध विदेशी वर्तमान स्थान पर बने रहेंगे क्योंकि MHA पहले ही MEA के माध्यम से संबंधित देश के साथ उनके निर्वासन का मामला उठा चुका है।” 

    मंत्रालय ने ट्वीट में आगे कहा कि, “अवैध विदेशियों को कानून के अनुसार उनके निर्वासन तक डिटेंशन सेंटर में रखा जाना है। दिल्ली सरकार ने वर्तमान स्थान को डिटेंशन सेंटर घोषित नहीं किया है। उन्हें तत्काल ऐसा करने के निर्देश दे दिए गए हैं।”

    हरदीप सिंह पुरी ने किया था ट्वीट

    बता दें कि, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri)  ने आज अवैध रूप से भारत में रह रहे रोहिंग्याओं को दिल्ली के बक्करवाला इलाके में EWS फ्लैटों में स्थानांतरित करने की बात कही थी। वहीं यह भी खबर थी कि इन लोगों को उन फ्लैट्स में फैन, तीन समय खाना, लैंडलाइन फोन, टीवी, आदि चीजें भी उपलब्ध करवाएगा। साथ ही दिल्ली की केजेरिवाल सरकार को कहा गया है कि, वो बुनियादी जरूरतों से इन फ्लैट को पूरा करें और इसे फॉरेशन रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस को हैंडओवर किया जाए, ताकि वो रोहिग्याओं को यहाँ जल्द से जल्द शिफ्ट करवा सकें। हालाँकि हरदीप सिंह पुरी के इस कथन से अब गृहमंत्रालय ने अपने हाथ खींच लिए हैं।