नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की (President of Ukraine Volodymyr Zelenskyy) से टेलीफोन पर बात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच यूक्रेन-रूस (Ukraine-Russia War) के बीच चल रहे संघर्ष पर चर्चा हुई। पीएम मोदी ने संघर्ष को जल्द खत्म करने, बातचीत और कूटनीति से समस्या के समाधान की जरूरत दोहराई।
पीएमओ के मुताबिक, पीएम मोदी ने दृढ़ विश्वास व्यक्त किया कि संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता है और किसी भी शांति प्रयास में योगदान करने के लिए भारत की तत्परता से अवगत कराया।
PM Modi held a telephonic conversation today with Ukrainian President Volodymyr Zelenskyy, discussed the ongoing conflict in Ukraine.
PM Modi reiterated his call for early cessation of hostilities and the need to pursue the path of dialogue and diplomacy: PMO
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— ANI (@ANI) October 4, 2022
प्रधानमंत्री ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ टेलीफोन पर बातचीत में संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून और सभी राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने के महत्व को भी दोहराया।
दोनों नेताओं की बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत यूक्रेन सहित परमाणु प्रतिष्ठानों की सुरक्षा और सुरक्षा को महत्व देता है। उन्होंने रेखांकित किया कि परमाणु सुविधाओं के खतरे में सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए दूरगामी और विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।
ज्ञात हो कि जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र यूक्रेन में रूस के हमले में सबसे चिंताजनक टकराव वाले बिंदुओं में से एक के रूप में उभरा है। यह संघर्ष में क्षतिग्रस्त हो गया है जिसको लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता जतायी गई थी। रूस और यूक्रेन ने इस संयंत्र पर हमले के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है। यह यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गत शुक्रवार को यूक्रेन के लुहांस्क, दोनेत्सक, खेरसॉन और जापोरिज्जिया क्षेत्र के रूस में विलय का दावा किया था।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से पिछले दिनों हुई बातचीत में यूक्रेन में संघर्ष को जल्द समाप्त करने पर जोर देते हुए कहा था कि “आज का युग युद्ध का नहीं है।” फरवरी में यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद से दोनों नेताओं के बीच पहली बार आमने-सामने मुलाकात हुई है।
समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन के इतर एक द्विपक्षीय बैठक में मोदी ने यूक्रेन में अस्थिरता को जल्द से जल्द समाप्त करने का आह्वान करते हुए “लोकतंत्र, संवाद और कूटनीति” के महत्व को रेखांकित किया था। इस दौरान पुतिन ने मोदी से कहा, “मैं यूक्रेन में संघर्ष पर आपका रुख जानता हूं, मैं आपकी चिंताओं से अवगत हूं, जिनके बारे में आप बार-बार बताते रहते हैं। हम इसे जल्द से जल्द रोकने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं।
दुर्भाग्यपूर्ण रूप से, विरोधी पक्ष यूक्रेन के नेतृत्व ने वार्ता प्रक्रिया छोड़ने का ऐलान किया और कहा कि वह सैन्य माध्यमों से यानी ‘युद्धक्षेत्र में’ अपना लक्ष्य हासिल करना चाहता है। फिर भी, वहां जो भी हो रहा है, हम आपको उस बारे में सूचित करते रहेंगे।
बहरहाल, जेलेंस्की और मोदी ने द्विपक्षीय सहयोग से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की। दोनों नेताओं के बीच पिछले साल नवंबर में ग्लासगो में द्विपक्षीय वार्ता हुई थी। (एजेंसी इनपुट के साथ)