We are being targeted through propaganda, will go to court: Adani Group

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    मुंबई: अडाणी समूह की कंपनी ने मुंबई महानगर में बिजली वितरण कारोबार के विस्तार के लिये लाइसेंस को लेकर आवेदन किया है। समूह का इस क्षेत्र में विस्तार को लेकर जरूरी बुनियादी ढांचा तैयार करने में अगले पांच साल में 5,700 करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य है। समूह सार्वजनिक क्षेत्र की महाराष्ट्र विद्युत वितरण कंपनी (एएसईडीसीएल) के साथ नये क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा करने के लिये बिजली नेटवर्क स्थापित करेगा।

    शहर के विभिन्न अखबारों में शनिवार को छपे विज्ञापन में अडाणी इलेक्ट्रिसिटी नवी मुंबई (एईएनएम) ने कहा कि उसने सूचीबद्ध मूल कंपनी अडाणी ट्रांसमिशन के साथ नवी मुंबई, पनवेल और ठाणे जिले जैसे मुंबई महानगर के कुछ क्षेत्रों में वितरण लाइसेंस को लेकर महाराष्ट्र विद्युत विनियामक आयोग (एमईआरसी) से संपर्क किया है।   

    कंपनी ने संकट में फंसे अनिल अंबानी समूह की रिलायंस एनर्जी के 18,000 करोड़ रुपये से अधिक में अधिग्रहण के बाद चार साल पहले मुंबई उपनगरीय इलाकों में बिजली वितरण क्षेत्र में कदम रखा था। अडाणी समूह 15,000 करोड़ रुपये के निवेश से नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा भी बना रही है, जिसके अगले कुछ साल में चालू होने की उम्मीद है।   

    समूह की नवी मुंबई के पास स्थित देश के सबसे बड़े कंटेनर बंदरगाह जेएनपीटी को भी बिजली वितरित करने पर नजर है। इसके अलावा उसके पास के क्षेत्र उरण, पनवेल और तलोजा के औद्योगिक टाउनशिप में भी बिजली वितरण की योजना है। विद्युत अधिनियम 2003 के तहत किसी कंपनी की तरफ से समानांतर यानी पहले से मौजूद कंपनियों के साथ बिजली वितरण को लेकर लाइसेंस के लिये आवेदन कुछ महीने पहले दिया गया था।

    आवेदन को एमईआरसी ने शुक्रवार को स्वीकार कर लिया। उसके बाद सार्वजनिक नोटिस जारी किया गया है। समूह के आवेदन के अनुसार उसकी अगले पांच साल में पूरा बुनियादी ढांचा तैयार करने में 5,700 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना है। अडाणी इलेक्ट्रिसिटी चार साल से अधिक समय से मुंबई में बिजली का वितरण कर रही है। इस क्षेत्र में कंपनी की प्रतिस्पर्धा टाटा पावर के साथ है। कंपनी क्षेत्र में बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने में नाकाम रही है और अब वह इस पर ध्यान दे रही है।