HIMACHAL
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    नई दिल्ली. जहां एक तरफ हिमाचल प्रदेश (Himchal Pradesh) में कांग्रेस (Congress) ने चुनाव में अपना वर्चस्व दिखाया है। वहीं इसके उलट अब हिमाचल कांग्रेस में अंदरूनी घमासान तेज हो गया है। इस चुनाव में जीत के बाद अब वहां पर कांग्रेस ने सरकार बनाने की अपनी कवायद शुरू कर दी है। 

    क्या है मुद्दा 

    वहीं सूत्रों की मानें तो, प्रतिभा सिंह के खेमें के अनुसार अगर अगर वीरभद्र सिंह के परिवार से कोई मुख्यमंत्री नहीं बना तो पार्टी में टूट हो जाएगी। इतना है नहीं सी इस खेमे का यह भी दावा है कि, 25 विधायक वीरभद्र परिवार के साथ है। ऐसे में किसी और को मुख्यमंत्री पद पर बैठकर, हिमाचल को पंजाब बनाने की गलती न हो तो बेहतर हैं। वहीं सूत्रों का यह भी कहना है कि चुनाव अगर वीरभद्र के नाम पर लड़ा गया है तो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पहला हक भी वीरभद्र के परिवार का होना चाहिए।

    इसके साथ ही राज्य कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह के समर्थक आज शिमला के ओबेरॉय सेसिल होटल के बाहर एकत्र हुए और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के काफिले को रोकते हुए उनके समर्थन में अपना प्रदर्शन किया और नारे लगाए।

    प्रतिभा वीरभद्र सिंह का साफ़ इशारा 

    इस बाबत जब हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा वीरभद्र सिंह से पूछा गया तो उन्होंने साफ़ कहा कि, विधायक अपना नेता चुनेंगे और अपनी राय पार्टी आलाकमान को बताएंगे। मैं नहीं कह रही की मैं CM पदे की दौड़ में हूं लेकिन यह चुनाव वीरभद्र सिंह के नाम पर जीता है। क्या आप उनके परिवार की विरासत की नज़रअंदाज़ कर सकते हैं।”  इस तरह इशारों-इशारों में प्रतिभा वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री पद को लेकर बहुत कुछ कह गयी हैं। 

    उन्होंने यह भी कहा कि, “यह बड़ी जिम्मेदारी सोनिया गांधी ने दी थी और उन्होंने मुझसे कहा था कि वह मुझे राज्य प्रमुख के रूप में चुन रही हैं और मुझे सभी 68 निर्वाचन क्षेत्रों में जाना होगा और राज्य को जिताना होगा। मैंने वह ईमानदारी से किया और परिणाम हमारे सामने है।” उन्होंने यह भी बताया कि, प्रदेश के नए मुख्यमंत्री का नाम आज या फिर कल यानी 10 दिसंबर तक बताया जा सकता है।

    आला कमान का डिफेंसिव मोड 

    वहीं इस मामले पर हिमाचल प्रदेश कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह, ने कहा कि, कई नामों पर चर्चा हो रही है। हमें इसे नवनिर्वाचित विधायकों के निर्णय पर छोड़ देना चाहिए। यह उनका विशेषाधिकार है। लोगों ने अपना फैसला लिया। अब यह विधायकों को तय करना है कि वे अपने नेता के रूप में किसे चाहते हैं। इधर आज छत्तीसगढ़ CM भूपेश बघेल शिमला पहुंचे और कहा कि, विधायक दल की बैठक होगी उसके बाद जो हाईकमान तय करेगा वही मुख्यमंत्री बनेगा। 

    इधर आज राज्य प्रभारी राजीव शुक्ला और पर्यवेक्षक भूपेंद्र हुड्डा और साथ ही छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हिमाचल प्रदेश कांग्रेस चीफ प्रतिभा सिंह और अन्य नेताओं के साथ शिमला के ओबेरॉय सेसिल होटल में एक महत्वपूर्ण बैठक की। इसके साथ ही पार्टी ने आगे की कार्य पर समीक्षा और विचार मंथन किया। 

    न हो ‘पंजाब पैटर्न’ का दोहराव 

    गौरतलब है कि, अब पार्टी के आलाकमान पर हिमाचल को लेकर बड़ी जिम्मेदारी आ गयी है, वरना अब इस बात का भी डर है कि, यहां भी ‘पंजाब पैटर्न’ का फिर से दोहराव न हो जाए। जैसे वहां चुनाव से पहले कांग्रेस के पूर्व कद्दावर नेता अमरिंदर और नवजोत सिंह सिद्धू के मतभेदों के चलते पार्टी को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा। वहां चुनाव में कांग्रेस की किरकिरी तो हुई ही, वहीं आज उसके दोनों नेता ही अलग अलग रास्तों पर निकल चुके हैं। कप्तान साहब जहां अब BJP की शोभा बढ़ा रहे हैं, वहीं सिद्धू फिलहाल जेल की सखिचों के पीछे है।