The winning team of Asia Cup-2022 will get so many dollars, also know the prize money of the runner-up, SRL vs PAK on September 11

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    नयी दिल्ली. बीसीसीआई सचिव जय शाह और पीसीबी चेयरमैन नजम सेठी के बीच शनिवार को बहरीन में हुई पहली औपचारिक मुलाकात के बाद एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) एशिया कप वनडे टूर्नामेंट के वैकल्पिक स्थल पर फैसला मार्च में करेगी। एशिया कप मेजबानी का अधिकार शुरू में पाकिस्तान को दिया गया था और इसे सितंबर 2023 में कराया जाना था लेकिन एसीसी के चेयरमैन शाह ने पिछले साल अक्टूबर में घोषणा की कि भारत पाकिस्तान का दौरा नहीं करेगा।

    यह दीगर है कि संयुक्त अरब अमीरात के तीन स्थल – दुबई, अबुधाबी और शारजाह – टूर्नामेंट की मेजबानी के प्रबल दावेदार हैं लेकिन कुछ समय के लिये फैसला टाल दिया गया है। एसीसी सदस्य देशों के सभी प्रमुखों ने आपात बैठक में हिस्सा लिया जो पीसीबी चेयरमैन सेठी के कहने पर बुलायी गयी थी क्योंकि एसीसी ने महाद्वीपीय संस्था का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है जिसमें पाकिस्तान को मेजबान का नाम नहीं दिया गया।

    इसकी जानकारी रखने वाले बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने पीटीआई से कहा, “एसीसी के सदस्यों ने आज मुलाकात की और इसमें काफी सकारात्मक चर्चा हुई। लेकिन स्थल कहीं ओर करने पर फैसला मार्च तक स्थगित कर दिया गया। लेकिन आश्वस्त रहिये कि भारत पाकिस्तान नहीं जा रहा, टूर्नामेंट को ही कहीं ओर कराया जायेगा। विराट कोहली, रोहित शर्मा और शुभमन गिल जैसे खिलाड़ियों के बिना टूर्नामेंट से प्रायोजक हट जायेंगे।”

    एसीसी के अंदरूनी सूत्र ने कहा कि सेठी हाल में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) चेयरमैन बने हैं और अगर वह पहली ही बैठक में पीछे हट जाते तो उनके देश में इसका खराब असर पड़ता। पाकिस्तान इस समय आर्थिक संकट और महंगाई से जूझ रहा है। एशिया कप जैसे बड़े टूर्नामेंट का आयोजन करना पीसीबी के लिये नुकसान का सौदा साबित होगा, भले ही एसीसी इसके लिये अनुदान दे। इसलिये रणनीतिक तौर पर अगर टूर्नामेंट संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में कराया जाता है तो पूरी संभावना है कि सभी सदस्य देशों को भी प्रसारण राजस्व से अपना हिस्सा मिलेगा।

    एक अन्य फैसले में एसीसी ने अफगानिस्तान क्रिकेट संघ को दिया जाने वाला सालाना बजट छह से 15 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। एसीसी ने आश्वस्त किया कि इससे अफगानिस्तान बोर्ड को हर संभव तरीके से मदद करेगा ताकि देश में महिला क्रिकेट को बहाल किया जा सके। तालिबान ने महिलाओं के खेलने पर पांबदी लगायी हुई है। (एजेंसी)