नई दिल्ली : तेल रहित चावल की भूसी पर निर्यात प्रतिबंध (Rice Bran Ban) अगले साल 31 मार्च तक बढ़ा दिया गया है। सरकारी अधिसूचना में यह जानकारी दी गई। इसके निर्यात पर प्रतिबंध इस साल जुलाई से जारी है। इसको लेकर एक नयी अधिसूचना जारी की गयी जिसमें निर्यात पर रोक को अगले 4 महीने के लिए बढ़ा दिया है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘ तेल रहित चावल की भूसी के निर्यात पर प्रतिबंध 31 मार्च 2024 तक बढ़ा दिया गया है।”
विशेषज्ञों के अनुसार, पशुचारे की कीमतों में वृद्धि देश में दूध की कीमतें बढ़ने का एक प्रमुख कारण है। निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से घरेलू बाजार में उत्पाद की उपलब्धता बढ़ाने में मदद मिल सकती है, जिससे दरों पर अंकुश लगाया जा सकता है। हालांकि, सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सरकार से निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा था क्योंकि इस कदम से पशु चारा और दूध की कीमतों पर न्यूनतम प्रभाव पड़ने की संभावना है।
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अनुमान के अनुसार, मवेशियों के चारे में करीब 25 प्रतिशत चावल की भूसी का इस्तेमाल किया जाता है।
आपको बता दें कि खाद्य तेल उद्योग संगठन साल्वेंट एक्स्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने भी कुछ महीने पहले सरकार से तेल रहित चावल भूसी डी-आयल्ड केक के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के अपने फैसले को खत्म करने और उस पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था। खाद्य तेल उद्योग संगठन साल्वेंट एक्स्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन का कहना था कि इसके निर्यात से देश में पशु चारा और दूध कीमतों पर खास असर नहीं पड़ेगा।
एजेंसी इनपुट के साथ