पाक की हकीकत खुलकर आई सामने, आतंक की सबसे बड़े फैक्टरी

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दुनिया में आतंकवाद की सबसे बड़ी फैक्टरी पाकिस्तान की हकीकत दुनिया के सामने आ गई है. अमेरिका ने पाक से कहा है कि आतंकी कार्रवाइयों के लिए वित्तपूर्ति करनेवाले मामले में लश्कर-ए-तैयबा( 26/11 Mumbai Attack Mastermind) के प्रमुख जकी उर रहमान लखवी( Zaki-ur-Rehman Lakhvi)  को 15 वर्ष की सजा देकर पाक ने ठीक कदम उठाया परंतु इसके अलावा उसे मुंबई में 26/11 के आतंकी हमले के लिए भी प्रमुख दोषी मानकर सजा दी जानी चाहिए. उसके अपराध आतंकी कार्रवाइयों के लिए धन उपलब्ध कराने से कहीं ज्यादा हैं.

उसे 2008 में मुंबई में हुए उस हमले के लिए पूरी तरह जिम्मेदार मानकर दंड़ित किया जाए जिसमें 150 से ज्यादा लोगों को प्राण गंवाने पड़े थे. पाकिस्तानी अदालत ने आतंकवाद (Lashkar-e-Taiba) को वित्तपोषण के मामले में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को 18 जनवरी तक गिरफ्तार करने का आदेश दिया है. मसूद अजहर को घोषित अपराधी करार देते हुए उसे अदालत में पेश करने के आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं. पाकिस्तान (Pakistani Anti-Terrorism Court)को उसके ही पाले हुए आतंकी सरगनाओं के खिलाफ यह कदम वैश्विक और खास तौर पर एफएटीएफ के दबाव में उठाने पड़ रहे हैं. यह संगठन विश्व बैंक और आईएमएफ को मना कर सकता है कि पाकिस्तान को कोई कर्ज न दिया जाए. पहले ही एफएटीएफ ने पाक को ग्रे सूची में डाल रखा है. वह कहीं उसे काली सूची में न डाले, इसलिए पाकिस्तान आतंकी संगठनों के प्रमुखों पर कार्रवाई के लिए बेमन से मजबूर हुआ है.

400 आतंकी घुसपैठ की फिराक में

पाकिस्तान में सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई की आतंकी संगठनों से लगातार मिलीभगत बनी हुई है. अभी भी सीमा पर 400 आतंकी भारत में घुसपैठ की फिराक में हैं. ये जंगल या नदियों के रास्ते भारत में घुसते हैं और पाकिस्तानी रेंजर या बैट टीम फायरिंग की आड़ में इन आतंकियों को सीमा पार कराती है. आतंक में पाकिस्तान की लिप्तता खुद वहां के पूर्व कूटनीतिज्ञ आगा हिलाली ने स्वीकार की. हिलाली हमेशा पाकिस्तान की फौज का पक्ष लेता है लेकिन इस बार उसने कहा कि भारत ने 26 फरवरी 1919 को बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक कर 300 आतंकियों को मारा था. इससे पता चलता है कि सच कभी न कभी उभरकर सामने आता ही है.

अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ा

मौलाना मसूद अजहर पर आतंकवादी हमलों के लिए धन जुटाने के अलावा जेहादी पर्चे व किताबें बेचने का भी आरोप है. पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पुलिस ने गुजरांवाला में जैश के 6 आतंकियों को गिरफ्तार किया था. जब इस मामले में अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ा तो पाकिस्तान सरकार को मसूद अजहर के बेटे और भाई सहित जैश के 100 से ज्यादा सदस्यों को गिरफ्तार करना पड़ा. सरकार ने मुंबई हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद के अन्य संगठन जमात उद दावा तथा कलाहाई इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) की संपत्ति, मदरसे और मस्जिदों को भी कब्जे में ले लिया था. जैश ए मोहम्मद ने पुलवामा हमले की जबाबदारी ली थी जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए थे. एक विस्फोटक भरी कार को सीआरपीएफ के वाहनों के काफिले से टकराकर इस कांड को अंजाम दिया गया था.

यूएन ने मसूद को ग्लोबल टेररिस्ट करार दिया था

मई 2019 में संयुक्त राष्ट्र ने मौलाना मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट करार दिया. पाकिस्तान का मददगार चीन इसमें बाधा डालता रहा लेकिन बाद में चीन ने अपना प्रस्ताव वापस ले लिया. इसके बाद अजहर को वैश्विक आतंकवादी करार दे दिया गया. भारत ने इस बारे में ठोस सबूत दिए थे. मसूद अजहर वहीं आतंकी सरगना है जिसे भारत ने 1999 में इंडियन एयरलाइंस के हाईजैक किए गए विमान आईसी-814 के यात्रियों को बचाने के लिए कश्मीर की जेल से निकालकर तालिबान को सौंपा था. यह विमान काठमांडू से अमृतसर होते हुए कंधार (अफगानिस्तान) ले जाया गया था. आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाने के मामलों पर निगरानी रखनेवाली पेरिस स्थित संस्था फाइनांशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान के खिलाफ कदम उठाए और विश्व को बता दिया कि भारत के खिलाफ आतंकवाद चलानेवाले सरगना पाकिस्तान में आजादी से घूम रहे हैं. एफएटीएफ ने पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रे लिस्ट में डाला और पाकिस्तान से मनीलांड्रिंग रोकने और आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दबाव डाला.