ambani house

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    पुलिस और नेताओं की मिलीभगत एक कड़वी सच्चाई है. कुछ पुलिस अधिकारी अपने सीनियर आफीसर की बजाय नेताओं से निकटता रखते हैं और उनके इशारों पर चलते हैं जबकि उनका कर्तव्य कानून की राह पर चलना तथा समाज व जनता के प्रति जवाबदेह होना चाहिए.

    मनसुख हिरेन हत्या प्रकरण में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) National Investigating Agency’s (NIA) ने बड़ा एक्शन लेते हुए मुंबई पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वझे (Sachin Waze) को गिरफ्तार किया तथा आरोप लगाया कि सचिन ने खुद ही उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटाक (Ambani House Bomb Scare) से भरी कार पार्क की थी. एनआईएन ने सवाल उठाया था. आखिर स्पेशल ब्रांच के एडीशनल सीपी के आदेश पर वझे को निलंबित कर दिया गया.

    सरकार व बीजेपी में ठनी

    अदालत ने सचिन वक्षे को 25 मार्च तक एनआईए की कस्टडी में सौंपा है. यह मामला ऐसा है जिसे लेकर विपक्षी पार्टी बीजेपी और ठाकरे सरकार के बीच ठन गई है. वझे की गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. बीजेपी जहां ठाकरे सरकार पर आक्रामक रवैया अपना रही है वहीं शिवसेना सहित सत्ता पक्ष इस मामले को महाराष्ट्र व मराठी अस्मिता से जोड़ रहे हैं. शिवसेना सांसद संजय राऊत ने वझे की तरफदारी करते हुए कहा कि वह ईमानदार और सक्षम अधिकारी हैं. संदिग्ध कार और जिलेटिन भी छड़ें बरामद होने की घटना की जांच मुंबई पुलिस और एटीएम भी  का सकती थी एंटीलिया के बाहर कार में मिली जिलेटिन की छड़ों की जांच मुंबई पुलिस की जिम्मेदारी थी. इसके लिए किसी राष्ट्रीय एजेंसी की जरूरत नहीं थी. संदेह होता है कि अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक भरी कार रखकर यह जताया गया कि उनकी सुरक्षा को खतरा है और सड़क मार्ग की बजाय हेलीकाप्टर से आना जाना उनके लिए सुरक्षित रहेगा इसलिए हेलीपैड मंजूरी के लिए इस तरह का नाटक रचा गया!

    क्या राजनीति के मोहरे हैं वझे

    क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के पूर्व अधिकारी एपीआई वझे कई वर्षों तक सस्पेंड रहने के बाद गत वर्ष ही सेवा से बहाल किए गए थे. इसके पूर्व उन्हें घाटकोपर विस्फोट के आरोपी ख्वाजा यूनुस की मौत के मामले में निलंबित किया गया था. इसके पहले वझे फिल्मी सितारे कंगना रनौत-ऋतिक रोशन, टीवी पत्रकार अर्णब गोस्वामी व टी आर पी घोटाले जैसे बड़े मामलों की जांच का दायित्व निभा चुके हैं. उद्धव ठाकरे सरकार के समय उनकी सेवा में बहाली हुई इसलिए सरकार उनके पक्ष में खड़ी दिखाई देती है. जब मामला एनआईएके हाथ में चला गया तो तब नए सवाल पैदा होन लगे. विस्फोटकों से भरी गाड़ी अंबानी के निवास के पास छोड़ना संदेहास्पद रहा. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वझे नेताओं की कठपुतली हैं?

    मनसुख हिरेन की हत्या का आरोप

    गत 26 जनवरी को अंबानी के आवास एंटीलिया के पास विस्फोटक और धमकी भरे पत्र के साथ स्कॉर्पियो एसयूवी गाड़ी मिली थी. मनसुख हिरेन ने दावा किया था कि यह गाड़ी उनकी है जो घटना के एक सप्ताह पहले चोरी हो गई थी. मनसुख हिरेन 5 मार्च को ठाणे में एकनदी के किनारे मृत पाए गए. उनकी  पत्नी ने सचिन वझे पर हत्या का आरोप लगाया और दावा किया कि अनके पति ने यह गाड़ी गत वर्ष नवंबर में वझे को दी थी जो वझे ने फरवरी के प्रथम सप्ताह में लौटा दी थी.