Bihar again chaos, law and order collapse, kidnapping, rape, murder at peak

जब सरकार, प्रशासन और पुलिस ढीले पड़ जाते हैं तो दरिंदों की बन आती है.

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बिहार में जंगलराज जैसी स्थिति है जहां भेड़िया और लकड़बग्घा प्रवृत्ति के वहशी अपराधियों का बोलबाला है तथा कानून-व्यवस्था पूरी तरह चौपट है. जब सरकार, प्रशासन और पुलिस ढीले पड़ जाते हैं तो दरिंदों की बन आती है. यदि पुलिस की निगरानी चाक-चौबंद हो और उस पर किसी नेता के भाई-भतीजे, रिश्तेदार या चमचे को संरक्षण देने का दबाव न हो तो लॉ एंड आर्डर की स्थिति सुधारी जा सकती है. सरकार का स्पष्ट आदेश होना चाहिए कि अपराधियों को कदापि नहीं बख्शा जाए तथा कानून के सामने सबको बराबर माना जाए. यदि शासन-प्रशासन निष्पक्ष, सख्त और कर्तव्यनिष्ठ रहे तो अपराधियों पर लगाम कसी जा सकती है.

शैतान से भी भयानक अपराधी

ऐसा अपराधी शैतान से भी बदतर है जिसने मधुबनी जिले के एक गांव में दिव्यांग छात्रा से दुष्कर्म करने के बाद किसी नुकीली वस्तु से उसकी दोनों आंखें फोड़ दीं. ऐसी रोंगटे खड़े कर देने वाली घटनाएं बिहार में आम हैं. वहां कोई सुरक्षित नहीं है. संभ्रांत घरों की महिलाएं भी अकेले या शाम के बाद बाहर निकलना खतरे से खाली नहीं समझतीं. ग्रामीण ही नहीं, शहरी क्षेत्र भी अत्यंत असुरक्षित हो चले हैं. राजधानी पटना के वीआईपी इलाके शास्त्रीनगर में इंडिगो एयरलाइंस के एयरपोर्ट मैनेजर रूपेशसिंह की बदमाशों ने हत्या कर दी. राजद का आरोप है कि अनैतिक और अवैध सरकार के संरक्षण में बिहार में अपराध और दुष्कर्म की घटनाएं लगातार बढ़ती ही जा रही हैं. महाजंगलराज का तांडव फिर शुरू हो गया है. जब तक हत्याओं और दुष्कर्म की 40-50 खबरें मुख्यमंत्री सुन नहीं लेते, उन्हें चैन की नींद नहीं आती. यह एनडीए सरकार की सामूहिक विफलता है. नीतीश कुमार से अब बिहार संभल नहीं पा रहा है.

विपक्ष ने की तीखी आलोचना

प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि सत्ता का संरक्षण पाए हुए अपराधियों ने पटना में एयरपोर्ट मैनेजर रूपेशकुमार सिंह की उनके आवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी. रूपेश मिलनसार और मददगार स्वभाव के व्यक्ति थे. बिहार में अब अपराधी ही सरकार चला रहे हैं. पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कहा कि रूपेश कुमार की हत्या के पीछे गहरी साजिश है. बिहार सरकार अपराध नियंत्रण को प्राथमिकता दे. कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री की पुलिस के साथ लगातार बैठकों से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. हत्या और दरिंदगी की घटनाएं अपराधियों के बढ़ते दुस्साहस को दिखाती हैं. सत्ता में शामिल पार्टी बीजेपी के बांकीपुर सीट के विधायक नितिन नवीन ने सीधे मांग की कि बिहार में यूपी की योगी सरकार के समान एनकाउंटर मॉडल को अपनाया जाए. अगर अपराधी क्राइम करके भाग रहा है तो उसका एनकाउंटर कर देना चाहिए. यदि परिस्थितियां बेहद खराब चल रही हैं और अपराधी बेलगाम हो रहे हैं तो उनका एनकाउंटर करने में कोई हर्ज नहीं है.

नीतीश कुमार की लाचारी

सरकार गठित होने के इतने समय बाद भी ढंग से विभागों का वितरण नहीं हो पाया. जिम्मेदारियां तय नहीं हुई हैं. गठबंधन सरकार में बीजेपी का वर्चस्व होने से नीतीश कुमार एक मजबूर मुख्यमंत्री बनकर रह गए हैं. ऐसी सरकार दृढ़ता से कोई कदम उठा भी नहीं सकती. जिन शातिर अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है, उन्हें पुलिस भी नहीं छेड़ती. जनजीवन के लिए भारी खतरा बना हुआ है. सर्वत्र अराजकता का बोलबाला है. बिहार में उद्योग-धंधे नहीं होने से युवकों ने अपहरण और फिरौती या सुपारी लेकर हत्या करने को ही अपना उद्योग बना रखा है. जो पढ़े-लिखे प्रतिभाशाली युवक हैं, वे प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाएं देकर आईएएस-आईपीएस में चले जाते हैं. उनकी अन्य राज्यों में पोस्टिंग हो जाती है लेकिन बाकी बेराजगारों में से अनेक अपराध की दुनिया में कदम रखते हैं. बिहार का युवक पॉवर चाहता है. यदि वह नेता या अफसर नहीं बन जाता तो अपराधी गिरोह से जुड़ जाता है. ‘अपहरण’ व ‘गंगाजल’ जैसी फिल्मों में बिहार की इसी विडंबना को दर्शाया गया है. राज्य में उद्योग-धंधे इसलिए स्थापित नहीं हो पाते क्योंकि माहौल अत्यंत असुरक्षित है, जिससे उद्योगपति आगे नहीं आते.