Dangerous drug business should be taken immediately
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युवा पीढ़ी के स्वास्थ्य को खोखला कर देने वाला नशीले पदार्थों का नेटवर्क अत्यंत व्यापक और खतरनाक है.

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युवा पीढ़ी के स्वास्थ्य को खोखला कर देने वाला नशीले पदार्थों का नेटवर्क अत्यंत व्यापक और खतरनाक है. पिछले समय एक खबर आई थी कि पंजाब और हिमाचल प्रदेश में नशे का जाल इतना फैला है कि सेना में भर्ती के लिए फिट जवान नहीं मिल पा रहे. कुछ ही दूर दौड़ने में उनका दम फूल जाता है. शारीरिक फिटनेस के पैमाने पर वे खरे नहीं उतर पाते. क्या ऐसा मानना होगा कि किसी अंतरराष्ट्रीय साजिश के तहत युवकों को नशे का आदी बनाया जा रहा है? देश के 2 करोड़ लोग प्रतिदिन 1,000 किलोग्राम हाई ग्रेड हेरोइन का सेवन करते हैं. पंजाब अब भी ड्रग स्मगलिंग का केंद्र बना हुआ है जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा नेताओं की मिलीभगत होने का भी संदेह जताया जाता है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के निशाने पर 142 ड्रग सिंडीकेट हैं जो पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा व राजस्थान से संचालित होते हैं. ये सिंडीकेट 1,40,000 करोड़ रुपए की हेरोइन का अवैध कारोबार करते हैं. इस ड्रग सिंडीकेट का संबंध पश्चिमी यूरोप, कनाडा, आस्ट्रेलिया, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिकी और पश्चिमी एशियाई देशों के साथ है. देश के केरल, तमिलनाडु व लक्षद्वीप में 10 बड़े ड्रग सिंडीकेट हैं. फिल्मी दुनिया के लोग भी ड्रग की चपेट में हैं. ड्रग सेवन करने वाला आदमी जरूरतें पूरी करने के लिए खुद भी ड्रग पैडलर बनकर इसका व्यापार करने लगता और अपने साथ-साथ अन्य लोगों को भी नशे का आदी बनाता है. कोई आश्चर्य नहीं कि कुछ नेताओं को भी यह लत हो. स्व. प्रमोद महाजन के बेटे राहुल महाजन के भी ड्रग एडिक्ट होने की बात सामने आई थी. पुलिस अपनी ओर से कार्रवाई कर रही है लेकिन ड्रग रैकेट के सरगना तक किसी का हाथ नहीं पहुंच पाता. ड्रग संबंधी मामलों में देश के 28 राज्यों व 8 केंद्र शासित प्रदेशों में 2019 में 74,620 लोग गिरफ्तार किए गए जिनमें से 15,449 सिर्फ पंजाब से थे. 2020 में अब तक 18,600 लोग पकड़े गए जिनमें 5,299 पंजाब से थे. यह समस्या गहराती जा रही है और अधिकाधिक लोग नशे की चपेट में आ रहे हैं. यह अत्यंत खतरनाक स्थिति है जिसे देखते हुए तुरंत कड़ी कार्रवाई आवश्यक है.