कोरोना से बचाव के लिए सरकार बनाए राष्ट्रीय समिति

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    देश में कोरोना की स्थिति भयावह बनी हुई है. ऐसा लग रहा है कि यह स्थिति सरकार के हाथ से निकल गई है. हर पल किसी ना किसी की मौत की सूचना सामने आ रही है. लोग विवस दिख रहे हैं. अस्पताल भी लाचार हैं. ऐसे में कुछ कदमों को उठाकर सरकार स्थिति को नियंत्रण में कर सकती है. लेकिन इसके लिए मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत है. ऐसे उपाय हैं. जिनको अगर उठाया जाए तो इस स्थिति को काफी हद तक नियंत्रण में किया जा सकता है.

    अस्पतालों में बेड का राष्ट्रीय डेटाबेस

    देशभर में कोरोना मरीज और उनके तीमारदार अस्पतालों में बेड के लिए संघर्ष कर रहे हैं. वह एक से दूसरे अस्पताल में चक्कर काट रहे हैं. लेकिन बेड नहीं मिल रहा है. अगर कहीं बेड है तो उसकी जानकारी मरीजों को नहीं मिल रही है. केंद्र सरकार को चाहिए कि एनआईसी को त्वरित आधार पर एक राष्ट्रीय पोर्टल बनाने का कार्य दे. जिसमें हर शहर के अस्पताल और उसमें उपलब्ध बेड की जानकारी हो. लोगों को एक क्लिक पर यह जानकारी मिल जाए. उस अस्पताल में जाने से पहले किस व्यक्ति को संपर्क करना है. उसकी बुकिंग कैसे करानी है. इसके लिए भी समस्त डाटा ऑनलाइन होना चाहिए. 

    केंद्र सरकार के 4 वरिष्ठ मंत्री हर दिन कोरोना को लेकर संवाददाता सम्मेलन करें. इसमें वह दिन भर में देश भर में आए मरीजों की संख्या की जानकारी साझा करें. इसके अलावा यह भी बताएं कि देश में बेड , ऑक्सीजन , वेंटिलेटर , दवा की स्थिति क्या है. उसके लिए सरकार के क्या इंतजाम हैं. 

    मंत्रियों की टास्क फोर्स

    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में एक दर्जन केंद्रीय मंत्रियों और एक दर्जन मुख्यमंत्रियों की टास्क फोर्स का गठन किया जाए. इसको समस्त अधिकार हासिल हो. केंद्र सरकार से भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी , केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद , केंद्रीय वाणिज्य और रेल मंत्री पीयूष गोयल सहित ऐसे मंत्रियों को शामिल किया जाए. जो विभिन्न क्षेत्रों , इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों के साथ समन्वय कर स्थिति को सामान्य करें.

    दवा सीधे अस्पताल को मिले

    देश में इस समय सबसे अधिक किल्लत और कालाबाजारी की सूचना रेमडेसिविर दवा को लेकर आ रही है. सरकार को तुरंत यह आदेश जारी करना चाहिए कि यह दवा खुले में कहीं पर भी नहीं बिकेगी. जिस किसी मरीज को इसकी जरूरत है. उसका इलाज कर रहे अस्पताल की यह जिम्मेदारी होगी कि वह ऑनलाइन और व्हाट्सएप या मैसेज के माध्यम से सरकार के द्वारा उपलब्ध कराए गए नंबर, ईमेल पर उसको प्रेषित करेगा. इसके उपरांत संबंधित ईमेल , फोन या व्हाट्सएप पर इस सूचना को हासिल करने वाले ड्रग कंट्रोलर , ड्रग इंस्पेक्टर या संबंधित अधिकारी का यह दायित्व होगा कि वह निश्चित समय में इसे संबंधित अस्पताल तक पहुंचाएं.

    जंबो कोविड सेंटर बनाएं

    दिल्ली , मुंबई , अहमदाबाद , पटना , लखनऊ सहित उन सभी शहरों में 5 से 10,000 बेड के जंबो कोविड सेंटर बनाए जाएं. जहां पर मरीजों की संख्या सबसे अधिक है. दिल्ली के छतरपुर में इस तरह का सेंटर था. उसे तुरंत फिर से शुरू किया जाए. इन सेंटरों की जिम्मेदारी सेना और अर्धसैनिक बलों को सौंपी जाए.

    आईएएस- आईपीएस सहित अन्य सेवाओं के डॉक्टरों की तैनाती

    डॉक्टरी की पढ़ाई करने के बाद बहुत से लोग सरकारी सेवाओं में आ जाते हैं. इनमें आईएएस, आईपीएस ,आईआरएस और अन्य सेवा शामिल हैं. मेडिकल की पढ़ाई करने वाले ऐसे सभी अधिकारियों को त्वरित आधार पर कोविड-19 सेवा से जोड़ा जाए. उनकी जगह जिलों में कोविड समस्या रहने तक अन्य अधिकारियों को बतौर डीएम , एसपी, एसएसपी तैनात किया जाए. अगर मेडिकल शिक्षा के बैकग्राउंड वाले व्यक्ति अन्य उच्च पदों पर आसीन हैं तो उन्हें भी कोविड सेवा कार्य में लगाया जाए. उनका दायित्व भी तत्काल प्रभाव से अन्य अधिकारियों को दिया जाए. राहत कार्य और बचाव के कदमों की समीक्षा के लिए सेवानिवृत्त नामचीन अधिकारियों को नियुक्त किया जाना चाहिए. 

     पार्षद से लेकर सांसद तक संभाले कंट्रोल रूम

    भाजपा को देश की सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते इस बात की पहल करनी चाहिए कि देश भर में उसके पार्षद , विधायक और सांसद अपने क्षेत्र में कंट्रोल रूम स्थापित करें. जहां जनता अपनी शिकायत और समस्या दर्ज करा पाए. जिसके आधार पर यह कंट्रोल रूम आगे शासन और प्रशासन से बात कर लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराने से लेकर दवा उपलब्ध कराने का कार्य कर पाए. 

     ऑक्सीजन की समस्या

    देश में इस समय अस्पतालों को भी ऑक्सीजन नहीं मिल रही है. केंद्र सरकार को इसके लिए सभी स्टील प्लांटों से ऑक्सीजन मेडिकल सेवा के लिए उपलब्ध कराने का निर्देश जारी करना चाहिए. एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाकर सबसे अधिक जरूरतमंद राज्य को सबसे ज्यादा ऑक्सीजन उपलब्ध कराना चाहिए. विभिन्न राज्यों में चिन्हित 162 पीएसए प्लांट को इमरजेंसी टेंडर के माध्यम से शुरू करना चाहिए. इसके अलावा अस्पतालों में ऑक्सीजन का स्टोरेज भी तुरंत बढ़ाना चाहिए. ऑक्सीजन की सप्लाई में रेल के साथ एयर फोर्स को भी तैनात किया जाए ऑक्सीजन का उत्पादन दिन-रात करने के आदेश जारी किए जाएं. नए प्लांट भी आज से ही लगाने की जरूरत है.

    तेज गति से सभी को वैक्सीन

    देश में सभी को तेजी से वैक्सीन लगाई जा सके. इसके लिए केंद्र सरकार को बड़े कदम उठाने की जरूरत है. अगर कुछ राज्य यह कहते हैं कि उनकी आर्थिक हालत सही नहीं है तो केंद्र को उन्हें टीका उपलब्ध कराना चाहिए. टीकाकरण के केंद्रों की संख्या भी बढ़ानी चाहिए . निजी अस्पतालों और प्राइवेट डॉक्टर के क्लीनिक पर भी सरकार की ओर से तय किए हुए दाम पर टीका लगाने की इजाजत दी जाए. डॉक्टर और नर्सों की सहायता से बड़े आवासीय परिसरों में भी टीकाकरण के कैंप लगाए जाएं. कोविड मरीजों के अलावा टीकाकरण केंद्रों के लिए भी एंबुलेंस का एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया जाए. जिससे जरूरत होने पर संबंधित व्यक्ति को नजदीक के अस्पताल तक पहुंचाने में देरी न हो.