Mumbai attacks mastermind Hafiz Saeed's special, three JuD leaders jailed for 15 years

जिस हमले में 166 लोगों की आतंकियों ने जान ली, उनके मास्टरमाइंड को तो फांसी या उम्रकैद होनी चाहिए थी.

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मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए भीषण आतंकी हमले के मास्टरमाइंड व जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की आतंकवाद विरोधी अदालत ने 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है. जिस हमले में 166 लोगों की आतंकियों ने जान ली, उनके मास्टरमाइंड को तो फांसी या उम्रकैद होनी चाहिए थी. यह 10 वर्ष की जेल क्या चीज है? कहीं यह दिखावा तो नहीं है? क्या पता आगे चलकर हाफिज सईद को ऊंची अदालत से जमानत मिल जाए या सजा और भी कम कर दी जाए! पाकिस्तान में कुछ भी हो सकता है. जब आतंकवाद में वहां की फौज, खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठनों की मिलीभगत हो तो यह फैसला केवल दिखावा ही हो सकता है. 26/11 हमले के बाद इतने वर्षों तक हाफिज सईद खुला घूमता रहा और भारत के खिलाफ जहर उगलता रहा लेकिन अब पाकिस्तान की अदालत ने उसे सजा सुनाई है तो उसकी वजह भी है. एफएटीएफ यदि पाकिस्तान को आतंकवाद की वजह से काली सूची में डाल दे तो उसे विश्व बैंक या आईएमएफ से वित्तीय सहायता नहीं मिलेगी. इसके अलावा यूएन ने हाफिज सईद को आतंकी सरगना घोषित किया है और अमेरिका ने भी उसे पकड़ने पर 1 करोड़ डालर का इनाम रखा है. इसलिए मजबूरन हाफिज के खिलाफ अदालत को फैसला देना पड़ा. जमात-उद-दावा के नेताओं के खिलाफ आतंकवाद विरोधी विभाग ने 41 मामले दाखिल किए हैं जिनमें से 24 पर निर्णय हुआ है. बाकी प्रकरण बकाया हैं. 4 मामलों में हाफिज के खिलाफ निर्णय हुआ है. अभी तो हाफिज को कड़ी सुरक्षा वाली कोट लखपत जेल में रखा गया है परंतु पाकिस्तान में किसी बात का भरोसा नहीं है. वहां की सरकार उसे किसी बंगले में नजरबंद भी कर सकती है. लाहौर की आतंकवाद विरोधी अदालत ने सईद की संपत्ति जब्त करने का आदेश देते हुए 1.1 लाख रुपए जुर्माना किया है. उसके 2 साथियों जफर इकबाल और याहया मुजाहिद को 10.5 साल कारावास की सजा दी गई.