लोकतंत्र जनता के लिए है. यदि जनता ही मौत के मुंह में जाती रहेगी तो लोकतंत्र का क्या फायदा? जिस बात को देश के आम नागरिक शिद्दत से महसूस कर रहे थे, उसी को स्वर देते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने (Madras High Court) चुनाव आयोग को बेहद कड़े शब्दों में फटकार लगाई है. परोक्ष रूप से यह केंद्र सरकार की खिंचाई है, जिसके इशारे पर कोरोना संकट के बीच चुनाव आयोग (Election Commission) ने 4 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश का विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) कराया.
चुनाव आयोग स्वायत्त संस्था कहलाता है लेकिन व्यवहार में सरकार के संकेतों पर चलना उसकी बाध्यता है. वह कोरोना आपदा के बावजूद चुनाव करवाने पर विवश था. यदि टीएन शेषन जैसा कोई सख्त मिजाज का मुख्य चुनाव आयुक्त होता तो धारा के विपरीत जाकर सरकार को चुनाव टालने को कह सकता था. देश में कोरोना के बिगड़ते हालात के बीच मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को कड़ी फटकार लगाई है. चीफ जस्टिस सनिब बनर्जी ने चुनाव आयोग को खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि आपकी वजह से कोरोना की दूसरी लहर आई है. चुनाव आयोग के अफसरों पर तो संभवत: हत्या का मुकदमा चलना चाहिए.
बिना सोशल डिस्टेंसिंग रैलियां होती रहीं
चीफ जस्टिस ने चुनाव आयोग से पूछा कि जब चुनावी रैलियां हो रही थीं, तब क्या आप किसी दूसरे ग्रह पर थे? आपका ध्यान कहां था? रैलियों के दौरान टूट रहे कोविड प्रोटोकाल को आपने नहीं रोका. बगैर सोशल डिस्टेंसिंग के चुनावी रैलियां होती रहीं. कोरोना की दूसरी लहर के लिए आपकी संस्था (चुनाव आयोग) ही जिम्मेदार है.
मतगणना को लेकर सख्त हिदायतें
मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को चेतावनी दी कि यदि 2 मई को काउंटिंग के दिन कोविड प्रोटोकाल का पालन नहीं हुआ तो हम काउंटिंग शेड्यूल रोकने पर मजबूर हो जाएंगे. हाईकोर्ट ने मतगणना को लेकर 6 सख्त हिदायतें दीं जो इस प्रकार हैं- 1. आप इसे सुनिश्चित कीजिए कि काउंटिंग के दिन कोविड प्रोटोकाल पर अमल हो. 2. किसी भी कीमत पर राजनीतिक या गैर-राजनीतिक वजह से काउंटिंग का दिन कोरोना के मामलों को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार नहीं होना चाहिए. 3. या तो काउंटिंग तरीके से हो या फिर उसे टाल दिया जाएगा. 4. लोगों की सेहत सबसे अहम है. यह बात परेशान करती है कि प्रशासन को इस बात की याद दिलानी पड़ती है. 5. जब नागरिक जिंदा रहेंगे, तभी वे उन अधिकारों का इस्तेमाल कर पाएंगे, जो उन्हें इस लोकतांत्रिक गणराज्य में मिले हैं. 6. आज के हालात जिंदा रहने और लोगों को बचाए रखने के लिए हैं, दूसरी सारी चीजें इसके बाद आती हैं.