महाराष्ट्र में फिर 15 तक लॉकडाउन 3 माह से भुगत रही जनता

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    आखिर जनता कब तक लॉकडाउन की बंदिशें बर्दाश्त करेगी? किसी भी तरह से लॉकडाउन समस्या का स्थायी हल नहीं है. इससे कोरोना दूर होने वाला नहीं है. लगता है संक्रमण कम करने के नाम पर लगातार लॉकडाउन बढ़ाते रहने के अलावा सरकार के पास कोई विकल्प ही नहीं बचा है. जनता को इससे कितनी परेशानी हो रही है और व्यापार, उद्योग, नौकरी से जुड़े लोगों की कैसी दुर्दशा हो रही है, उस पर गंभीरता से नहीं सोचा जा रहा है. बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है.

    महाराष्ट्र उद्योग और अर्थव्यवस्था के मामले में अन्य राज्यों से काफी बेहतर था लेकिन अब वैसी स्थिति नहीं रह गई. लॉकडाउन बढ़ने से आशंकित मजदूरों ने पहले ही अपने गांवों की ओर पलायन शुरू कर दिया. एक तरफ कोरोना संक्रमण का आतंक है तो दूसरी ओर पेट भरने की चिंता. शहर में कोई पूछने वाला नहीं है तो अपने गांव क्यों न लौट जाएं! मध्यम वर्ग के कितने ही लोग बैंकों में जमा डिपॉजिट निकालकर गुजर-बसर करने को मजबूर हैं. सेविंग पर बहुत ज्यादा आंच आई है.

    मुख्यमंत्री की दलील

    मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि महामारी की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है. ऐसे में बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है. हम यह कह नहीं सकते कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर कब आएगी लेकिन हम अपनी चौकसी को कम नहीं कर सकते. थोड़ी सी लापरवाही बहुत बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकती है, इसलिए महामारी की रोकथाम के लिए राज्य में लगाई गई पाबंदियां अगले 15 दिनों तक कायम रहेंगी. 15 जून तक लॉकडाउन से राहत नहीं मिलेगी. कुछ जिलों में संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो रही है, इसलिए जनता को सावधानी बरतनी होगी.

    थोड़ी ढील दी गई

    राज्य सरकार ने ‘ब्रेक दि चेन’ अभियान के तहत जारी आदेश को 15 जून तक लागू करने का फैसला किया है लेकिन इसका प्रभाव पूरे राज्य में एक जैसा लागू न करते हुए महानगरपालिका, जिला क्षेत्र के कोरोना साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट और अस्पतालों में ऑक्सीजन-बिस्तर की उपलब्धता पर विचार करते हुए पाबंदियों में ढील व कड़ाई की गई है. अब 29 मई 2021 के अनुसार सप्ताह के अंत की पॉजिटिविटी दर तथा ऑक्सीजन-बेड की उपलब्धता को आधार मानते हुए राज्य में 10 प्रतिशत या उससे कम कोरोना पॉजिटिव दर वाले मनपा व जिला क्षेत्रों में आवश्यक वस्तु और सेवा की दुकानें सुबह 7 से दोपहर 2 बजे तक खुली रहेंगी. गैरजरूरी सामान की दुकानों को खोलने के बारे में फैसला लेने का अधिकार स्थानीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पास होगा. 20 प्रतिशत से अधिक पॉजिटिविटी वाले जिला व मनपा क्षेत्र में फिलहाल ढील नहीं दी गई. जिले की सीमा पूरी तरह बंद रखी जाएगी. केवल परिवार में मौत, चिकित्सा कारणों तथा आपात स्थिति में सेवा देने से जुड़े लोगों को आवागमन की छूट होगी. ऐसे जिलों में पूर्ववत पाबंदियां लागू रहेंगी.

    गांव में पसार रही बीमारी

    मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि कोरोना महामारी अब राज्य के गांवों में पैर पसार रही है. इसे देखते हुए अब ‘मेरा परिवार, मेरी जिम्मेदारी’ की तर्ज पर कोरोना मुक्त गांव अभियान चलाया जाएगा. राज्य भर के सरपंच इस दिशा में प्रयास करेंगे जिन्हें राज्य सरकार पूरी तरह सहयोग देगी.

    तीसरी लहर का अंदेशा

    विशेषज्ञों की राय में 2 माह बाद यानी अगस्त या फिर सितंबर में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है, जिसे देखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को सक्षम बनाना होगा. टीकाकरण बढ़ाने के अलावा मास्क व डिस्टेंसिंग जारी रखनी होगी. राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध जारी रहने के आसार हैं.