Moody's dropped India's rating for the first time after 22 years

ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने 22 वर्षों में पहली बार भारत की रेटिंग को बीएए 2 से घटाकर बीएए 3 पर ला दिया है।इसके पूर्व पोकरन परमाणु परीक्षण के बाद 19 जून 1998 में मूडीज ने भारत की रेटिंग घटाई थी।

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ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने 22 वर्षों में पहली बार भारत की रेटिंग को बीएए 2 से घटाकर बीएए 3 पर ला दिया है।इसके पूर्व पोकरन परमाणु परीक्षण के बाद 19 जून 1998 में मूडीज ने भारत की रेटिंग घटाई थी।इसके अलावा एस एंड पी तथा फिच जैसी एजेंसियां भी भारत की रेटिंग घटाकर बीबीबी (माइनस) कर चुकी हैं।इस तरह देश को सबसे नीचा इन्वेस्टमेंट ग्रेड दिया गया है।ऐसे समय जबकि सरकार निवेश बढ़ाने के लिए उत्सुक है, ऐसी रेटिंग, निवेशकों को हतोत्साहित करेगी।मूडीज ने भारत की रेटिंग घटाकर न्यूनतम निवेश ग्रेड पर लाते हुए कहा कि सरकार की वित्तीय स्थिति में गिरावट, लगातार विकास दर का कम होना तथा वित्तीय क्षेत्र पर दबाव बना रहना चिंताजनक है।देश की नीति निर्धारक संस्थाओं के लिए भी चुनौतीपूर्ण स्थिति बनी रहेगी।

रुपए पर दबाव बढ़ेगा
पहले ही राष्ट्रीय लॉकडाउन की वजह से आर्थिक गतिविधियां रुकी हुई हैं।सरकार को मिलने वाला राजस्व रुक गया है जिसमें जीएसटी का भी समावेश है।सरकार बाजार से पैसा उठाएगी जिससे वित्तीय घाटा बढ़कर जीडीपी के 5।5 प्रतिशत के आसपास हो जाएगा।मूडीज के कदम की वजह से रुपए पर दबाव बनेगा तथा निवेशक का मूड प्रभावित होगा।सुधार की धीमी गति ने विकास को प्रभावित किया है।2016 में जीडीपी की दर 8।3 प्रतिशत थी जो 2019 में घटकर 4।2 प्रतिशत पर आ गई है।2020 में इसके 4 फीसदी पर आने की संभावना है।इस दौरान सरकार 600 से ज्यादा ग्लोबल इन्वेस्टर्स से चर्चा कर रही है।इस बात के प्रयास हो रहे हैं कि चीन से हटने वाले उद्योजक भारत में निवेश करें।ट्रम्प की भारत यात्रा के दौरान अमेरिका से भी व्यापार संबंधी बहुत से मसले सुलझा लिए गए थे लेकिन बाद में लॉकडाउन लागू हो गया।प्रधानमंत्री मोदी विश्व के देशों को विश्वास दिला रहे हैं कि भारत एक भरोसेमंद व्यापार सहयोगी है।