Nepal's bizarre attitude

जाहिर है कि खुद को विश्व का एक मात्र हिंदू राष्ट्र कहने वाला नेपाल अब चीन की कठपुतली बन गया है और उसके इशारों पर चलकर भारत को धमकी देने की जुर्रत कर रहा है।

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आश्चर्य की बात है कि सदियों से धार्मिक, सांस्कृतिक व समाजिक रूप से भारत से जुड़ा उत्तरी पड़ोसी देश नेपाल हम पर आंखें तरेरने लगा है। जाहिर है कि खुद को विश्व का एक मात्र हिंदू राष्ट्र कहने वाला नेपाल अब चीन की कठपुतली बन गया है और उसके इशारों पर चलकर भारत को धमकी देने की जुर्रत कर रहा है। नेपाल में प्रधानमंत्री ओली और पूर्व राष्ट्रपति प्रचंड के बीच सत्ता की होड़ बनी हुई है। दोनों ही कम्युनिस्ट नेता हैं और चीन से अपनी निकटता दिखाने की दोनों के बीच होड़ लगी है। नेपाल के रक्षा मंत्री ईश्वर पोखरेल ने भारत को धमकाते हुए कहा कि इसकी सेना काठमांडू की जरूरत के हिसाब से एक्शन लेगी। अगर जरूरत पड़ी तो हम लड़ेंगे। काला पानी व लिम्बुलेख दर्रे पर नेपाल अपना दावा ठोक रहा है। वास्तव में यह चीन की विस्तारवादी नीति का मोहरा बनकर अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहा है। नेपाल यह नहीं समझता कि तिब्बत को निगल जाने वाला चीन क्या उसे छोड़ेगा। यदि नेपाल ने अपने यहां चीनी सेनाओं को आने दिया तो भारत के लिए खतरनाक स्थिति होगी। भारतीय सेना में बहादुर गोरखा सैनिकों की 40 बटालियन हैं जिन्होंने पाकिस्तान के साथ हुए युद्धों में अपना शौर्य दिखाया था। पूर्व सेनाध्यक्ष फील्ड मार्शल मानेकशा गोरखा रेजिमेट के मानद कर्नल भी थे जिन्हें गोरखा सैनिक सैम बहादुर कहते थे। नेपाल को चाहिए कि चीन के बहकावे में न आकर भारत से अच्छे संबंध कायम रखे।