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क्या कांग्रेस में कोई नैतिकता, शुचिता या मर्यादा नहीं रह गई?

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क्या कांग्रेस में कोई नैतिकता, शुचिता या मर्यादा नहीं रह गई? क्या चुनाव जीतने की क्षमता ही सब कुछ है? किसी चरित्रहीन व्यक्ति या रेपिस्ट को टिकट देना क्या देश की सबसे पुरानी पार्टी को शोभा देता है? यह तो राजनीति को पतन के गर्त में ले जाने वाली बात है. उत्तरप्रदेश के देवरिया में जब पार्टी की नेता तारा यादव ने सवाल उठाया कि एक दुष्कर्मी मुकुंद भास्कर को पार्टी ने उम्मीदवार कैसे बनाया तो पार्टी कार्यकर्ताओं ने इस महिला के साथ मारपीट की. ऐसा करते हुए उन्हें तनिक भी हिचकिचाहट या शर्म महसूस नहीं हुई. ये कैसे नामर्द हैं जो एक महिला पर हाथ उठाते हैं? क्या राहुल और प्रियंका को ऐसे गुंडों को पार्टी में रखना मंजूर है? चुनाव जीतना ही सब कुछ नहीं है, सिद्धांत व आदर्श भी कोई चीज होती है. नेहरू-गांधी के नाम पर राजनीति करने वाली कांग्रेस का किसी बदनाम रेपिस्ट को टिकट देना अत्यंत अशोभनीय है. इससे तो पार्टी पर कलंक लगता है. महिला आयोग ने इस मामले का संज्ञान लिया है. इस वीडियो में लगभग 25 लोग एक महिला नेता को बुरी तरह पीटते दिखाई दे रहे हैं. जिस पार्टी में सरोजिनी नायडू, इंदिरा गांधी जैसी महिला नेता हुईं तथा जिसका नेतृत्व 2 दशक से सोनिया गांधी ने संभाला, उसमें एक महिला नेता के साथ ऐसा दुर्व्यवहार चिंतनीय है. तारा यादव ने कहा कि उन्हें प्रियंका गांधी के जवाब का इंतजार है कि वह इस मामले में क्या एक्शन लेती हैं? एक तरफ हमारी पार्टी हाथरस केस की पीड़िता को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ रही है और दूसरी ओर पार्टी का टिकट एक रेपिस्ट को दिया जा रहा है!