Recruitment of third and fourth class personnel on contract basis

महाराष्ट्र सरकार ने तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की भर्ती अनुबंध के आधार पर करने का निर्णय लिया है. वास्तव में पिछले कुछ वर्षों से चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की भर्ती में यही सिलसिला चल रहा है.

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महाराष्ट्र सरकार ने तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की भर्ती अनुबंध के आधार पर करने का निर्णय लिया है. वास्तव में पिछले कुछ वर्षों से चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की भर्ती में यही सिलसिला चल रहा है. ठेका भर्ती में कर्मचारियों के हित सुरक्षित नहीं रहते. संसद के सत्र में कृषि कानून में बदलाव को लेकर चर्चा हुई परंतु 44 श्रम कानूनों में जो बदलाव हुआ, उस पर कोई बोला ही नहीं. औद्योगिक विवाद कानून के अनुसार जिस उद्योग में 100 कर्मचारी हैं, उसे छंटनी करने के लिए राज्य सरकार की अनुमति लेनी पड़ती थी. अब यह  संख्या 100 से बढ़ाकर 300 कर दी गई है, इसलिए उद्योग सहजता से हायर एंड फायर कर सकते हैं. राज्य के 85 प्रतिशत से ज्यादा उद्योगों में आसानी से श्रमिकों की छंटनी करना संभव हो गया है. ऐसे में उन पर कोरोना काल में बेरोजगारी की तलवार लटक रही है. अचानक उनकी नौकरी जा सकती है. कोरोना व मंदी की वजह से अप्रैल से सितंबर के बीच राजस्व से मिलने वाली आय में 35,000 करोड़ रुपए की कमी आई. आर्थिक वर्ष समाप्त होने तक राज्य सरकार को 1,40,000 करोड़ रुपए का कर्ज लेना पड़ सकता है. इन स्थितियों के बावजूद सरकार कुछ ऐसे कदम उठाए कि लोग बेरोजगार न होने पाएं. साथ ही जनता के हाथों में पैसा आए, जिससे बाजार में मांग बढ़े. मांग बढ़ेगी तो खपत होगी और उत्पादन भी बढ़ेगा. यह तथ्य है कि राज्य में 17,00,000 से ज्यादा सरकारी कर्मचारी हैं जिनके वेतन-भत्ते पर सरकार को 1 लाख करोड़ रुपए का खर्च आता है.