अब कोरोना की तीसरी लहर का खतरा, गाफिल न रहें लोग

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    कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है जिसे देखते हुये केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि भारत में अगले 100 से 125 या लगभ्ग 4 माह काफी कठिन और चुनौतीपूर्ण हैं. जो लोग गफलत में हैं या निश्चिंत हो गये हैं कि मुसीबत काफी हद तक टल गई है, वे भी सतर्क हो जाएं क्योंकि कोरोना वायरस को नए-नए रूप (वैरिएंट) आने से संक्रमण का खतरा बढ़ा है. यह बात कुछ राहत देती है कि दूसरी लहर की विनाशलीला को देखते हुये अबतीसरी लहर से निबटने की सरकार की तैयारी कहीं बेहतर है.

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाराष्ट्र सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वच्र्युअल बैठक में कहा कि अमेरिका व यूरोप में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. वह हमारे लिए भी चेतावनी है. ऐसे में सावजिनिक जगहों पर भीड़ जमा होने से रोकना होगा. शुरुआत में विशेषज्ञ मान रहे थे कि जहां से दूसरी लहर प्रारंभ हुई थी वहां स्थिति नियंत्रण में होगी लेकिन महाराष्ट्र और केरल में तेज वृद्घि देखने को मिल रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने डेटा के आधार पर निष्कर्ष निकाला है कि दुनिया तीसरी लहर की ओर बढ़ रही है. स्पेन में एक सप्ताह में 64 फीसदी मामले बढ़े हैं.

    पीएम ने 4-टी मंत्र बताया

    प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में 4-टी (टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट और टीका) का मंत्र दिया. इन सभी को तेजी से आगे बढ़ाना होगा. केन्द्र सरकार ने स्वास्थ्य सेवा के लिए 23,000 करोड़ रुपये का इमरजेंसी कोविड पैकेज जारी किया है. इसमें से राज्य सरकारों को आईसीयी बेड, ऑक्सीजन आदि पर खर्च करना होगा. पीएम ने कहा कि महाराष्ट्र सहित आधा दर्जन राज्यों (तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, ओडिशा और केरल) में कोरोना संक्रमण के 80 प्रतिशत मामले हैं. प्रधानमंत्री ने माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत पर जोर देते हुये कहा कि जिन जिलों में पाजिटिविटी रेट ज्यादा है और जहां से अधिक माले आ रहे हैं वहां उतना ही अधिक ध्यान देना होगा.

    भीड़ पर नियंत्रण की राष्ट्रीय नीति बने

    महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्घव ठाकरे ने अत्यंत उपयुक्त सुझाव देते हुये प्रधानमंत्री से कहा कि तीसरी लहर को देखते हुये भीड़ को नियंत्रित करने की राष्ट्रीय नीति बनाई जाए. इस नीति के तहत धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक आयेजनों व आंदोलनों से जमा होनेवाली भीड़ को रोका जा सकता है. संक्रमण रोकने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है. कोरोना मामलों में कमी दिखाई देने पर अब लोका बेफिक्री से घूमने और शॉपिंग करने निकल रहे हैं. बिना जरूरी काम के घूमना लोगों के लिए घातक हो सकता है.

    जिलाधिकारियों को संदेश

    मुख्यमंत्री ठाकरे ने जिलाधिकारियों को अपने जिले के उद्योजकों से बात कर विस्तृत योजना बनाने को कहा है ताकि राज्य में उद्योगधंधे व आर्थिक गतिविधियों को जारी रखा जा सके. उन्होंने बड़ी कंपनियों को अपने उद्योग परिसर में ही श्रमिकों के आवास की व्यवस्था करने कारे कहा श्रमिकों के परिवहन के लिए भी प्वाइंट टु प्वाइंट व्यवस्था का निर्देश दिया है. आर्थिक चक्र व जीवनचक्र दोनों चलायमान रहना जरूरी है.

    पहले से अभी तैयारी बेहतर

    कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश में व्यवस्था बुरी तरह लड़खड़ा गई थी. आक्सीजन का अभाव, बेड की कमी, दवाइयों का टोटा और अस्पताल की तादाद कम होने से देश की बड़ी तादाद में लोगों की मौत हुई. कोरोना से मौत का आंकड़ा 4 लाख को पार कर गया. अब सरकार व प्रशासन तीसरी लहर की चुनौती से निपटने के लिये बेहतर तरीके से तैयार हैं.