देश की संप्रभुता सर्वोच्च, अब टि्वटर पर होगी सख्ती

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    नए आईटी नियमों का पालन नहीं करना बहुराष्ट्रीय सेवा प्रदान करनेवाले टि्वटर पर भारी पड़ गया है. गाजियाबाद पुलिस ने टि्वटर इंडिया के एमडी को नोटिस भेज कर कहा है कि वे सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने समेत कई आरोपों पर जवाब दें. सरकार और टि्वटर के बीच तनातनी काफी बढ़ गई है. सरकार का कहना है कि टि्वटर का रवैया देश की संप्रभुता को चुनौती देनेवाला है. केंद्रीय कानून और सूचना तकनीक मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि टि्वटर को गाइडलाइन का पालन करने के कई मौके दिए गए लेकिन वह जानबूझकर इसका पालन नहीं करता. वह अनिवार्य प्रक्रिया का पालन करने से इनकार करके यूजर्स की शिकायतों को दूर करने के लिए कोई सिस्टम नहीं बनाता.

    टि्वटर का रवैया ऐसा है जैसे भारत के कानून उस पर बंधनकारी नहीं हैं. टि्वटर ने सरकार को 2 मुद्दों पर सहयोग करने से मना किया. पहला यह कि टि्वटर उचित अधिकारी की नियुक्ति करे जो तीसरे पक्ष के सामग्री उपलब्ध कराने वाले (कंटेंट प्रोवाइडर) द्वारा आजादी का दुरुपयोग किए जाने की शिकायतों का निपटारा करे. दूसरा यह कि वह देश के बुनियादी हितों के खिलाफ प्रचारित की जानेवाली सामग्री (कंटेंट) पर निगरानी रखे. टि्वटर ने इस संबंध में सरकार को सहयोग देने से इनकार करते हुए यह दिखाने की कोशिश की कि वह कानून से ऊपर है. फिर ऐसी नौबत आ गई कि  अपने प्लेटफार्म पर थर्ड पार्टी कंटेंट को कानूनी बचाव देनेवाला टि्वटर खुद कानून के हत्थे चढ़ गया. सरकार ने ट्विटर को पर्याप्त समय दिया था कि वह अपनी हठधर्मी से बाज आए!

    यूपी पुलिस को कार्रवाई का आदेश

    यह मामला काफी पहले सुलझ सकता था लेकिन तथाकथित उदारवादी तत्व शोर मचाते रहे कि सरकार टि्वटर की आजादी में दखल दे रही है. अब हालत यह कि ऊंट पहाड़ के नीचे आ गया है. उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य पुलिस को आदेश दिया है कि वह टि्वटर के अंतरराष्ट्रीय कार्यालय और उसके भारतीय ऑफिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज करे. भारत के राष्ट्रीय और सांप्रदायिक हितों को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से फेक न्यूज चलाने के लिए अपने प्लेटफार्म का उपयोग करने का टि्वटर पर आरोप है. यूपी की गाजियाबाद पुलिस ने एक बुजुर्ग के साथ मारपीट व अभद्रता किए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद एक्शन लिया तथा 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. इसमें टि्वटर इंडिया और 2 कांग्रेसी नेता भी शामिल हैं. इस पर लोनी में हुई घटना को सांप्रदायिक रंग देने की वजह से यह कार्रवाई की गई. वैचारिक स्वतंत्रता के नाम पर की जाने वाली मनमानी कोई भी देश लंबे समय तक बर्दाश्त नहीं करता. टि्वटर मानकर चलता है कि वह अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्म है और किसी एक देश के कानून उस पर बंधन नहीं लगा सकते लेकिन अब सरकार का रुख उसके बारे में सख्त हो गया है.