SHIVRAJ
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने स्पष्ट कर दिया कि कोरोना संकट से उबरने के बाद ही वे मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे।

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मध्यप्रदेश में भाजपाइयों की मंत्री बनने की ललक से मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान परेशान हैं। जब कमलनाथ के इस्तीफे के बाद कांग्रेस की सत्ता चली गई और शिवराज सिंह पुन: सीएम बन गए तो बीजेपी के नेताओं की महत्वाकांक्षा जाग उठी और वे मंत्रीपद पाने के लिए लालायित हो उठे। बीजेपी के 3 कद्दावर नेता पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, विजय शाह और गौरीशंकर बिसेन मंत्री पद के दावेदार हैं। इनके अलावा पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा ने भी मंत्रिमंडल में स्थान पाने के लिए दावा ठोंका है। उन्होंने परफार्मेंस (कामकाज) के आधार पर मंत्री बनाए जाने की मांग की है। शिवराजसिंह के सामने समस्या है कि किसे मंत्री बनाएं और किसे नहीं। जिसे अवसर नहीं देंगे, वह रूठ जाएगा। इसके अलावा पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से भी इस बारे में स्वीकृति लेनी पड़ेगी। जब तक दिल्ली में नाम फाइनल नहीं होते तब तक कुछ नहीं हो सकता। इधर सिंधिया समर्थक बालेंदु शुक्ला की जब मंत्री बनने की इच्छा पूरी नहीं हो पाई तो वे वापस कांग्रेस में लौट गए। वे शिवराज सरकार के गठन के समय से ही भोपाल के चक्कर काट रहे थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने स्पष्ट कर दिया कि कोरोना संकट से उबरने के बाद ही वे मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। राज्यसभा चुनाव के बाद ही कुछ होने की उम्मीद है। ऐसी हालत में मंत्री बनने के इच्छुक नेताओं को अभी और प्रतीक्षा करनी होगी।