सत्ता पाने के बाद कुछ लोगों के पैर जमीन पर नहीं पड़ते। या तो वे नियम कानूनों की सरे आम अवहेलना करते हैं अथवा चाहे जैसी धमकी देने से बाज नहीं आते।
सत्ता पाने के बाद कुछ लोगों के पैर जमीन पर नहीं पड़ते। या तो वे नियम कानूनों की सरे आम अवहेलना करते हैं अथवा चाहे जैसी धमकी देने से बाज नहीं आते। केंद्रीय मंत्री वी. सदानंद गौड़ा दिल्ली में एक कमर्शियल फ्लाइट से बंगलुरु पहुंचे तो पृथक-पास में जाने की बजाय सीधे सरकारी कार में सवार होकर वहां से निकल गए। कोरोना के अत्यधिक प्रकोप वाले राज्यों जैसे कि दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान व तमिलनाडु से अपने यहां आने वाले हवाई यात्रियों के कर्नाटक सरकार ने अनिवार्य रूप से 7 दिनों तक क्वारंटाइन में जाने का आदेश दे रखा है लेकिन गौड़ा इसे लेकर अड़ गए। उन्होंने दलील दी कि वह औषधि फर्मास्यूटिकल्स विभाग के प्रभारी होने के नाते छूट प्राप्त श्रेणी में आते हैं। गौड़ा ने कहा कि वे किसी के संपर्क में नहीं आए। जिस फ्लाइट से वे दिल्ली से आए उसमें 11 यात्री ही थे। दिल्ली एयरपोर्ट से रवाना होने से पहले उनके तापमान की जांच की गई थी। गौड़ा के इस वीवीआईपी दिखावे पर लोग भड़क गए तथा उन पर नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कड़ी आलोचना की।
दूसरा मामला छत्तीसगढ़ के सरगुजा की सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह का है। उन्होंने पद की मर्यादा भूलकर बलरामपुर के सीईओ और तहसीलदार को न केवल बुरी तरह फटकारा बल्कि अंधेरे कमरे में बेल्ट से मारने और सूली पर चढ़ा देने की धमकी भी दी। बलरामपुर में एक युवक ने क्वारंटाइन सेंटर की बदहाली का वीडियो वायरल किया था। युवक के परिजनों ने आरोप लगाया कि वीडियो सामने आने पर सीईओ व तहसीलदार ने उसे पीटा था। इसकी शिकायत की जांच के लिए मंत्री पहुंची थी। उन्होंने सफाई दे रहे अधिकारियों पर भड़कते हुए कहा कि मेरे क्षेत्र की जनता के साथ अत्याचार हुआ तो मैं सूली पर टांग दूंगी।