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    अहमदनगर. कोरोना (Corona) की दूसरी लहर (Second Wave) में संगमनेर प्रशासन (Sangamner Administration) और गांव-गांव के स्थानीय कार्यकर्ताओं के पहल से कोरोना को मात देने में सफलता हासिल की है। लगातार प्रयास और कारगर उपायों के कारण संगमनेर के 63 गांव पुरी तरह कोरोना मुक्त (Corona Free) हो गए हैं। उसी तरह 29 गांव कोरोना मुक्ति की राह पर अग्रसर हैं।

    देवकौठा से बोटा तक 100 किलोमीटर के क्षेत्रफल में बसे संगमनेर तहसील में 171 गांव और 263 बस्तीयां हैं। पुणे, नाशिक शहरों से नजदीकी और संगमनेर शहर में मिलने वाली आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं के कारण जिले के कई तहसील से अनेक मरीज कोरोना उपचार के लिए संगमनेर में आते है। राजस्वमंत्री बालासाहब थोरात लगातार तहसील प्रशासन, नगरपालिका प्रशासन के साथ संपर्क बनाकर कोरोना संक्रमण रोकने के लिए विविध सूचना देकर अमल कराने पर जोर दे रहे है। 

    आदर्श मॉडल तैयार हुआ  

    संगमनेर तहसील में जिले के सबसे अधिक कोरोना टेस्ट की गई। उसी तरह घर-घर में जाकर नागरिकों का इलाज कराने का काम भी प्रभावी रूप से किया गया। तहसील के विविध शहरों में कोविड सेंटर का निर्माण करते कोरोना संक्रमित और लक्षण पाए गए मरीजों का तुरंत विलगीकरण करते उपचार शुरू किए। उसी तरह कोविड सेंटर में मरीजों के लिए उच्च दर्जे की सुविधाएं उपलब्ध की गई। इस संगमनेर पैटर्न के कारण कोरोना के खिलाफ लड़ाई का एक आदर्श मॉडल तैयार हुआ। 

    टीकाकरण का विशेष अभियान 

    राजस्व मंत्री थोरात के नेतृत्व में कोरोना जंग के लिए ग्रामीण अस्पताल, कॉटेज हास्पिटल के लिए चार एम्बुलेंस, 5 बाइपैप मशीन, राज्य में सर्वप्रथम तहसील स्तर पर आरटी पीसीआर टेस्ट, 10 ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर की सुविधा आदि के साथ नागरिकों के टीकाकरण के लिए विशेष अभियान चलाया गया। इन बातों के मद्देनजर संगमनेर तहसील के 63 गांव पूरी तरह कोरोना मुक्त हुए है। उसी तरह 29 गांव कोरोना मुक्ति की राह पर हैं। इस पूरे लड़ाई में राजस्व मंत्री थोरात, विधायक डॉ. सुधीर तांबे, नगराध्यक्षा दुर्गा तांबे, इंद्रजीत थोरात के नेतृत्व में प्रांत अधिकारी डॉ. शशिकांत मंगरुले, तहसीलदार अमोल निकम, गुटविकास अधिकारी सुरेश शिंदे, तहसील वैद्यकीय अधिकारी डॉ. सुरेश घोलप, डॉ. संदीप कचोरिया, डॉ. राजकुमार जराड, उपविभागीय पुलिस अधिकारी राहुल मदने समेत विविध अधिकारी, डॉक्टर, नर्सेस, कर्मचारी, शिक्षक, स्वास्थ्य सेविका, आंगनबाड़ी सेविका आदि का सराहनीय योगदान रहा है। संगमनेर मॉडल को सफल बनाकर तहसील कोरोना मुक्ति की राह पर चलने के कारण नागरिकों में खुशी का वातावरण है।