- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की सराहना
अहमदनगर. महाराष्ट्र (Maharashtra) में सहकार आंदोलन के कारण ग्रामीण विकास की प्रक्रिया को गति मिली है। सहकार महर्षि स्व. भाऊसाहब थोरात और राजस्वमंत्री बालासाहब थोरात (Balasaheb Thorat) द्वारा संगमनेर (Sangamner) में शुरू किए गए ‘सहकार मॉडल’ देश के सभी राज्यों के लिए उपयुक्त है। ऐसे विचार छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने किया।
सहकार महर्षि भाऊसाहब थोरात और हरित क्रांति के प्रणेता डॉ. अन्ना साहब शिंदे की जयंती के उपलक्ष्य में संगमनेर के मालपानी लान्स में आयोजित समारोह में बघेल बोल रहे थे। जलसंपदा मंत्री जयंत पाटिल की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह के लिए राजस्वमंत्री बालासाहब थोरात, विधायक डॉ. सुधीर तांबे, विधायक लहू कानडे, विधायक डॉ. किरण लहामटे, पूर्व विधायक नरेंद्र घुले, युवक कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सत्यजीत तांबे, नगराध्यक्षा दुर्गा तांबे, रणजीत सिंह देशमुख, बाजीराव खेमनर पाटिल, राजेश मालपानी, करन ससाणे, विजय अन्ना बोराडे, उत्कर्षा रूपवते, विलास औताडे, डॉ. राजीव शिंदे, कारखाना के अध्यक्ष बाबा ओहोल, इंद्रजीत थोरात आदि उपस्थित थे।
पुरस्कार प्रदान किए गए
इस समारोह में वरिष्ठ पत्रकार संजय आवटे को सहकार महर्षि भाऊसाहब थोरात पुरस्कार, ग्लोबल टीचर पुरस्कार प्राप्त रणजीत डिसले को डॉ. अन्नासाहब शिंदे पुरस्कार और एड. माधव राव कानवडे को सहकार कार्यकर्ता पुरस्कार प्रदान किए गए। विधायक डॉ. तांबे ने प्रस्तावना की। नामदेव कहांडल ने कार्यकम का सूत्र संचालन किया। बाबासाहब ओहोल ने आभार व्यक्त किया।