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    अकोला. समग्र शिक्षा योजना के अंतर्गत जिले में कक्षा एक से आठ तक के छात्रों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें दी जाती हैं. लेकिन पिछले दो साल से शिक्षा विभाग पाठ्यपुस्तकों के दोबारा इस्तेमाल पर ध्यान दे रहा है. इस साल 5 हजार से अधिक अभिभावकों ने स्कूलों में उपयोग की जाने वाली पाठ्यपुस्तकें लौटा दीं. साथ ही पिछले साल की तुलना में इस साल पाठ्यपुस्तकों की मांग में कमी आई है. इस बार पहली से आठवीं कक्षा तक के 1 लाख 38 हजार विद्यार्थियों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें दी जाएंगी.

    कोरोना के कारण विद्यार्थियों की संख्या में कमी

    कोरोना के प्रकोप के चलते पिछले साल मार्च से स्कूल, कॉलेज बंद कर दिए गए हैं. कोरोना के कारण कई परिवार गांव की ओर पलायन कर गए. सैकड़ों मजदूर, अन्य प्रदेशों से आए कामगार अपने अपने गांव को लौट गए. नतीजा यह रहा कि सैकड़ों बच्चों को स्कूल छोड़ना पड़ा. स्कूलों में बच्चों की संख्या कम हो गयी. स्कूलों के बंद होने और ऑनलाइन शिक्षा पर जोर देने के कारण समग्र शिक्षा योजना के अंतर्गत छात्रों की संख्या को देखते हुए इस वर्ष पाठ्यपुस्तकों की मांग में 23 प्रतिशत की कमी आई है.

    5,036 अभिभावकों ने लौटाई पुस्तकें 

    शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 5,036 अभिभावक अपने बच्चों द्वारा उपयोग की जाने वाली पाठ्यपुस्तकों को स्कूलों में लाए. अगली कक्षा में जाने वाले विद्यार्थियों के लिए इन पाठ्यपुस्तकों का पुन: उपयोग किया जाएगा. पिछले वर्ष व्यापक शिक्षा योजना के तहत 1 लाख 60 हजार 871 स्कूली बच्चों को पाठ्य पुस्तकें वितरित की गईं.

    इस शैक्षणिक वर्ष में छात्रों की संख्या में कमी और पाठ्यपुस्तकों के पुन: उपयोग के कारण कक्षा एक से आठवीं तक के 1 लाख 38 हजार 226 छात्रों को पाठ्यपुस्तकें दी जाएंगी. पाठ्यपुस्तक महामंडल द्वारा अगले आठ दिनों में पुस्तकें भेजी जाएंगी. उसके बाद इन पुस्तकों को पंचायत समिति के माध्यम से विद्यालय में भेजा जाएगा.

    बिना छात्रों के ही स्कूल 28 जून से शुरू होंगे. मजदूरों, कामगारों, नौकरों के पलायन से स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति प्रभावित हुई है. पाठ्यपुस्तकों के पुन: उपयोग के कारण इस वर्ष कम से कम 1 लाख 38 हजार विद्यार्थियों को पाठ्यपुस्तकें दी जाएंगी.-डा.वैशाली ठग, शिक्षणाधिकारी (प्राथ), जि.प. अकोला.