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    अकोला. तीसरी लहर में छोटे बच्चों को कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा संभावित होते हुए 28 मई को सरकारी मेडिकल कालेज में उपचार ले रहे एक 6 माह के शिशु का कोरोना से मौत होने की घटना घटी. उपचार को प्रतिसाद न देने से शिशु की मौत होने की जानकारी चिकित्सा सूत्रों ने दी है. जिले में अब तक 800 से अधिक बालकों को कोरोना संक्रमण होने की जानकारी चिकित्सा सूत्रों ने दी है.

    कोरोना की संभावित तीसरी लहर में बालकों को खतरा होने के संकेत चिकित्सा प्रणाली ने दिए है. जिले की बार्शीटाकली तहसील के ग्राम पिंजर निवासी 6 माह के शिशु को गुरुवार की देर रात उपचार के लिए भरती किया गया. इस दौरान शिशु की रैपिड एंटीजन टेस्ट करने पर वह कोरोना संक्रमित मिला. डाक्टरों ने तुरंत उपचार के लिए शुरुआत की.

    सरकारी मेडिकल कालेज के बालरोग विभाग के टीम ने शिशु को बचाने का अथक प्रयास किए. लेकिन आखिर में शिशु ने अपने प्राण छोड़े. जिले में अब तक 800 से अधिक बालकों को कोरोना का संक्रमण हुआ है. लेकिन अधिकतर बालकों को सौम्य तथा कुछ में कोरोना के किसी भी तरह के लक्षण मिले नही. यह जानकारी बालरोग विशेषज्ञ ने दी है.

    उपचार के लिए बालकों को अस्पताल में भर्ती करें 

    कोरोना वायरस का खतरा है. फिर भी पालक वर्ग न घबराएं. समय पर उपचार के लिए बालकों को अस्पताल में भर्ती करें. यह आहवान बालरोग विशेषज्ञ डा. विनित वरठे ने किया है.