राज्य में 811 गर्भवती महिलाएं एचआईवी पॉजिटिव

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अकोला. पिछले आठ माह से राज्य के सभी क्षत्रों में कोरोना महामारी का संकट रहने से स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जानेवाली विविध जांच तथा परीक्षण को ब्रेक लगने से इस दौरान एचआईवी की जांच पिछले वर्ष की तुलना में कम दर्ज की गई है. अकोला जिले में यह गिरावट 56.94 प्रतिशत रही. इस दौरान विश्व एड्स दिन निमित्त राज्य की एचआईवी जांच प्रक्रिया के संदर्भ में जायजा लेने पर राज्य में 811 गर्भवती महिलाएं एचआईवी पॉजिटिव पाई जाने की जानकारी सामने आयी है. जिसमें अकोला जिले की 8 महिलाओं का भी समावेश है.

कोरोना संकट के दौरान विभिन्न बीमारियों के लिए स्वास्थ्य परीक्षण कार्य, राज्य के 33 जिलों में जांच, निदान और औषधोपचार आदि कार्यों के साथ एचआईवी प्रतिबंधात्मक मुहिम के अंतर्गत जांच की गयी. इस जांच प्रक्रिया में कमी आने के बावजूद पिछले आठ माह में राज्य की 811 गर्भवती महिलाएं एचआईवी पॉजिटिव पायी गयी हैं. जिसमें सबसे अधिक 95 गर्भवती महिलाएं ठाणे जिले से पायी गयी है. दूसरे स्थान पर पुणे में 82, नागपुर में 75, उस्मानाबाद में 69, सोलापुर में 68 और नासिक जिले में 62 गर्भवती महिलाएं एचआईवी पॉजिटिव पायी गयी है.

इसी तरह सब कम यानी प्रत्येक जिले में एक गर्भवती महिलाए मिलने वाले जिलों में गडचिरोली और सिंधदुर्ग जिला शामिल है. इन ‘पॉजिटिव’ महिलाओं के लिए तत्काल नि:शुल्क उपचार भी हर जिले में एआरटी केंद्रों पर शुरू किया गया है, ताकि इन गर्भवती महिलाओं से पैदा होने वाले शिशुओं को एचआईवी का सामना न करना पड़े.

55 निरीक्षण केंद्रों पर निरीक्षण सुविधा

इस संदर्भ में जिला शल्य चिकित्सक डा.राजकुमार चौहान ने बताया कि पिछले वर्ष अकोला जिले में 1,49,004 व्यक्ति की एचआईवी जांच की गई. जिसमें से 351 व्यक्ति एचआईवी बाधित पाए गए हैं. इस वर्ष अप्रैल से अक्टूबर के दौरान कुल 64,163 व्यक्तियों की जांच करने पर 82 पॉजिटिव रिपोर्ट पाई गई हैं. जिसमें 8 गर्भवती महिलाएं शामिल हैं. राज्य सरकार के एचआईवी एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत 55 जांच केंद्रों पर एचआईवी जांच की सुविधा उपलब्ध है.

अकोला में 1,314 गर्भवतियों की हिमोग्लोबीन जांच

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा.सुरेश आसोले ने इस संदर्भ में बताया कि, जिले में सरकारी संस्था द्वारा किए गए पंजियन के अनुसार अक्टूबर माह में कुल 1,314 गर्भवती महिलाओं का पंजियन हुआ है. इन सभी गर्भवती महिलाओं की एचबी (हिमोग्लोबीन) जांच  की गयी. जिला परिषद का स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, सेविका, आशा और आंगनवाड़ी सेविका के माध्यम से इन सभी गर्भवती महिलाओं की देखभाल कर रहा है. इनमें से 404 महिलाओं को एचबी संतोषजनक पाया गया, जबकि 27 महिलाओं को एचबी के 7 ग्राम से कम पाया गया है. जिससे इन महिलाओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है और उन्हें आयरन की गोलियां और सुक्रोज के इंजेक्शन दिए जा रहे हैं. उनमें से 13 महिलाओं में सुधार दिखाई दे रहा है.