Oilseeds prices fall due to increase in cheaper imports, farmers are selling produce at a quarter to one

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अकोला. अब तक किसानों को कृषि उपज व अनाज बिक्री के लिए केवल कृषि उपज बाजार समिति में जाना बंधनकारक था लेकिन अब सरकार द्वारा इस बंधन को समाप्त कर फल, सब्जी के साथ-साथ अनाज व कृषि उपज को नियमन मुक्त किया गया है. अब अनाज बिक्री के लिए किसानों को कृउबास में जाना बंधनकारक नहीं रहा. किसान अपना माल कहीं पर भी बेच सकते हैं. 

नहीं लगेगा शुल्क
इसी तरह कृषि उपज बाजार समिति के बाहर खरीददारों को कृषि उपज की खरीदी पर किसी तरह का शुल्क अदा नहीं करना होगा. एक देश एक बाजार इस योजना के अंतर्गत कृउबास के बाहर यह खरीदी की जाएगी. इस बीच अनाज नियमन मुक्ति के आदेश राज्य सरकार द्वारा पणन महासंघ को दिए गए हैं.

सूत्रों के अनुसार इसमें बाजार समितियों का अस्तित्व कायम रखा गया है. फिर भी इस बात की संभावना है कि खुला व्यापार करने से बाजार समितियों में किसानों की माल बिक्री के लिए आने वालों की संख्या घट सकती है. इस संदेह पर कृउबास का अस्तित्व किस तरह कायम रहेगा इस पर भी चर्चा शुरू हो रही है. एक देश एक बाजार योजना के अंतर्गत किसान देश में किसी भी स्थल, गांव, अन्य जिले या बाजारों में अपना माल बेच सकता है.

खेतों से खरीद सकते हैं माल
 इतना ही नहीं अब खरीददार किसानों के खेतों में जाकर उनसे माल की खरीदी सीधे तौर पर कर सकते हैं. इसके लिए किसी भी तरह का बाजार शुल्क, उपकर आदि किसानों को या खरीददार को देना नहीं होगा. खरीदी प्रक्रिया का कार्य कारखाना परिसर, गोदाम, शीतगृह अन्य किसी भी संरचना आदि स्थलों पर किया जा सकता है. साथ ही आयकर अदा करने वाली कोई भी व्यक्ति, केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित किए गए कागजातों के अनुसार कायम स्वरुपी खाता क्रमांक धारक कोई भी व्यक्ति किसानों से कृषि उपज, अनाज खरीद सकती है.