मिर्गी की रोगी महिला भी स्वस्थ बच्चे को दे सकती है जन्म – डा.नितिन वीरवानी

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– अरुण कुमार वालोकार

अकोला. मिर्गी का रोगी पूरी तरह से ठीक हो सकता है. उन्होंने बताया कि मिर्गी की रोगी महिला भी एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती है. मिर्गी के रोगी को नियमित रूप से दवा लेना बहुत आवश्यक है. कई बार जिन्हें मिर्गी है वे दवा लेना बंद कर देते हैं. जिस कारण वे रास्ते पर भी गिर पड़ते हैं. यह विचार बातचीत के दौरान न्यूरो फिजीशियन, मस्तिष्क रोग विशेषज्ञ डा. नितिन वीरवानी ने प्रकट किए.

उन्होंने कहा कि यदि मस्तिष्क में कोई घाव या अन्य कोई वजह हो तो आवश्यकता नुसार रोगियों की शल्यक्रिया भी की जाती है. शल्यक्रिया यह सभी रोगियों के लिए नहीं रहती है. जांच के बाद ही यह बात तय की जाती है. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि मिर्गी पैदाइशी या अनुवांशिक रोग नहीं है. हा पैदाइशी हो सकता है. उन्होंने बताया कि उनके पास मस्तिष्क की बीमारी से संबंधित रोगी आते हैं जिसमें से 25 प्रश रोगी मिर्गी के रहते हैं.

मिर्गी की रोगी यह जरूर करें 

– शराब का सेवन नहीं करना चाहिए
– नींद पूरी तरह लेनी चाहिए
– उपवास नहीं करना चाहिए
– नियमित दवा लेना भी मिर्गी के रोगी के लिए जरूरी है
– इसी तरह मेडिटेशन से भी काफी लाभ मिलता है

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में कौन व्यक्ति ऐसा है जिस पर तनाव नहीं है. सभी के तनाव अलग अलग रहते हैं लेकिन तनाव रहते हैं. सभी को चाहिए कि वे अपने अपने तनाव अपने परिवार के साथ शेयर करें. तनाव बताने से मन हल्का हो जाता है और कई बार उनका हल भी निकल जाता है. मिर्गी की जांच करने के लिए दो प्रकार हैं. एक एमआरआई दूसरा ईईजी. इसके द्वारा मिर्गी की जड़ तक पहुंचा जाता है कि किस कारण से मिर्गी के दौरे पड़ रहे हैं. उस अनुसार यह तय किया जाता है कि शल्यक्रिया की जा सकती है या नहीं, या दवाओं द्वारा उपचार किया जाए.

यदि कोई व्यक्ति रास्ते पर या किसी सार्वजनिक स्थान पर या घर में कहीं भी मिर्गी का दौरा आने से गिर पड़ता है तो उसे प्याज सुंघाना, या अन्य कोई चीज सुंघाना, या मिर्गी के रोगी के दांत खोलना, जबरदस्ती करना जरूरी नहीं है. 5 मिनट के बाद वह व्यक्ति खुद होश में आ जाता है. उसके आस पास कोई कांच की वस्तु, कोई पत्थर या नुकीली चीज हो तो उसे हटा देना चाहिए. यदि पांच मिनट से अधिक समय तक वह व्यक्ति होश में नहीं आता है तो उसे डाक्टर के पास ले जाना बहुत जरूरी है. वहां उचित उपचार या जरुरत होने पर इंजेक्शन देना जरूरी रहता है. सभी का काम है कि इस ओर गंभीरता से ध्यान दें तो मिर्गी का दौरा पड़नेवाला रोगी जल्दी होश में आ जाता है.