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  • तुलसी की पत्ती और अदरकवाली चाय के दिन आ गए

अकोला. पिछले दो दिनों से ठंड फिर बढ़ गई है. रात 8 बजे के बाद ठंडी हवाएं चलने लगती हैं. फिर सुबह करीब 9.30 बजे तक वातावरण ठंडा रहता है. इस तरह ऐसा लग रहा है कि अब धीरे धीरे ठंड का मौसम आ रहा है. मौसम बदलने लगा है. लोगों ने अब स्वेटर, मफलर, शाल, कंबल, रजाई आदि अपने गर्म कपड़े बाहर निकाल लिए हैं. लेकिन लोग गर्म कपड़ों को धूप नहीं दिखा पा रहे हैं क्योंकि पिछले कुछ दिनों से मौसम लगातार बदरीला शुरू है. अब यह परिस्थिति आ गई है कि लोग रात के समय पंखे भी बंद करने लगे हैं.

क्योंकि मौसम अचानक ठंडा हुआ है. अचानक मौसम बदला है. सुबह के समय घूमने जानेवाले लोगों की संख्या में कमी आई है. इससे पता लगता है कि सुबह के समय ठंड काफी रहती है. यहां ठंड एक मेहमान के समान आती है. कुछ दिन रूक कर चली जाती है. कई ठंड के मौसम तो अकोला में ऐसे आते हैं की लोग अपना स्वेटर पहनने का शौक भी पूरा नहीं कर पाते हैं.

गर्म कपड़ों की दुकानों पर भीड़ बढ़ी

अचानक मौसम बदलने से और ठंडी हवाएं चलने के कारण अब गर्म कपड़ों की दुकानों में भीड़ बढ़ने लगी है. स्थानीय क्रिकेट क्लब मैदान में विशेष रूप से लगाई गई गर्म कपड़ों की दुकानों में काफी भीड़ देखी जा रही है. वहां गर्म कपड़ों के दामों के बारे में बातचीत करने पर जानकारी मिली है कि पिछले वर्ष की तुलना में दामों में कोई विशेष वृद्धि नहीं है. गर्म कपड़ों की दुकानों में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है. इसी तरह पुराना कपड़ा बाजार, नया कपड़ा बाजार आदि उन सभी क्षेत्रों में जहां गर्म कपड़ों की दुकानें हैं लोगों की काफी भीड़ देखी जा रही है. अचानक ठंड बढ़ने से सभी लोग गर्म कपड़े खरीदना चाहते हैं. उसी कारण यह भीड़ बढ़ी है.

ठंड की सब्जियां आ गई बाजारों में

जैसे जैसे ठंड अपना असर दिखा रही है वैसे वैसे सब्जियां बाजारों में बढ़ती जा रही है. फिलहाल हरी मटर बाजारों में काफी आ रही है और लोग उसे काफी पसंद कर रहे हैं. हरी मटर 60 रू. से लेकर 80 रू. किलो के अनुसार उपलब्ध है. अभी दाम ज्यादा हैं क्योंकि अभी अभी मटर आनी शुरू हुई है. इसी तरह गाजर, मूली, ककड़ी, मेथी, पालक, अगस्त के फूल भी बाजारों में उपलब्ध हैं. लोग बड़ी संख्या में सब्जी खरीदते हैं. इसके अलावा बाकी भी सभी सब्जियां बड़े प्रमाण में बाजारों में उपलब्ध हैं. दूसरे जिलों के साथ साथ अकोला से लगे हुए ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़े प्रमाण में सब्जियां लाई जा रही हैं. इसे हेल्दी सीजन कहा जाता है. उस अनुसार लोग सब्जियां खरीदने में लगे हैं.

तुलसी की पत्ती और अदरकवाली चाय के दिन आ गए

जैसे जैसे ठंड बढ़ रही है लोगों के लिए तुलसी की पत्ती और अदरकवाली चाय के दिन आ गए हैं. वैसे जब से कोरोना वायरस का प्रकोप शुरू हुआ है लोग नियमित रूप से अदरक की चाय और काढ़ा आदि पी रहे हैं. लेकिन फिलहाल बढ़ती हुई ठंड को देखते हुए लोगों ने तुलसी की पत्ती और अदरकवाली चाय शुरू कर दी है. लोगों का रूझान इस ओर बढ़ रहा है.

कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए लोगों ने सुबह के समय गर्म पानी पीना भी शुरू कर दिया है. बाजारों में अदरक की बिक्री भी जमकर शुरू है. एक समय था जब लोग 50 या 100 ग्राम अदरक खरीदा करते थे. अब लोग कोरोना वायरस को रोकने के लिए काढ़ा बनाकर पीते हैं, उस अनुसार अब लोग अदरक बड़े प्रमाण में खरीदने लगे हैं. उस अनुसार अदरक भी बड़े प्रमाण में बाजारों में उपलब्ध है.

ग्रामीण क्षेत्रों में अलाव जलाने लगे लोग

ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के पास ठंड से बचने का सबसे अच्छा तरीका है, अलाव जलाकर हाथ सेंकना, उस तरह अब धीरे धीरे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों ने अलाव जलाना शुरू कर दिया है. इसी के साथ साथ शहरी क्षेत्रों में भी जो लोग रात के समय ड्यूटी करते हैं या अन्य कोई काम करते हैं वे लोग भी अब अलाव जलाने लगे हैं और हाथ सेंक कर अपनी ठंड भगाते हैं. इस तरह अब अलाव जलने शुरू हो गए हैं.

गर्म पेय की दुकानों में भीड़ बढ़ी

अब शहर में चाय, कॉफी की होटलों के साथ साथ सड़कों पर चलनेवाली चाय की छोटी छोटी दुकानों में भीड़ बढ़ने लगी है. विशेष रूप से अब शहर में अनेक स्थानों पर उबाला हुआ केसर युक्त गर्म दूध भी उपलब्ध है. गर्म दूध की दुकानों में भी भीड़ देखी जा रही है. इसी तरह दोपहर के समय अनेक क्षेत्रों में गर्म काढ़ा भी उपलब्ध रहता है. कई चाय, कॉफी बनानेवाली कैन्टिनों में भी अब काढ़ा उपलब्ध रहता है. कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए लोग अब काढ़ा भी पीने लगे हैं. इस काढे में अदरक, तुलसी की पत्ती, गुड़ के साथ साथ अन्य कई आयुर्वेदिक तत्व भी डाले जाते हैं.